वित्त निगम के आठ करोड़ रुपये डंप होने के बढ़े आसार
एक दशक से बीमार अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम का अस्तित्व खतरे में होने के आसारा हैं।
मुरादाबाद (रईस शेख) : एक दशक से बीमार अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम का अस्तित्व खतरे में होने से विभाग में हड़कंप मचा है। निगम के कमोबेश आठ करोड़ रुपये डंप होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। जिसकी वसूली के आसार भी कम हैं। शासन ने वित्त विकास निगम व वक्फ विकास निगम को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में समायोजित करने का मंसूबा तैयार किया है। ये है पूरा मामला मुरादाबाद देहात से तत्कालीन विधायक स्व. रियासत हुसैन ने अल्पसंख्यकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए यह प्रस्ताव 1984 में विधानसभा में रखा था। जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. नारायन दत्त तिवारी ने स्वीकृत कर वित्त विकास निगम खोलने को अनुमति दी थी। तब से ही अल्पसंख्यकों को मार्जिन मनी, टर्म लोन जैसी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करने का कार्यक्रम जारी था। वित्त निगम का कार्य अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम द्वारा युवकों को व्यावसायिक, पुलिस व पीएसी का प्रशिक्षण,आईएएस व पीपीएस तैयारी के लिए कोचिंग, स्वरोजगार के लिए ब्याज रहित व एजूकेशन लोन देने का प्रावधान है। शासन की मंशा अल्पसंख्यक युवकों व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के जीवन स्तर में आर्थिक सुधार लाने की है। एक दशक से निगम ठप जनपद में वित्त निगम का संचालन 2007 से ठप है। जिससे वसूली प्रभावित एवं कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पड़ गए हैं। मुरादाबाद समेत अनेक जनपदों में वित्त निगम में कर्मचारी भी नहीं हैं। कर्मचारी न होने से निगम के कमोबेश आठ करोड़ रुपये डंप होने के कगार पर हैं। बकाया राशि एक दशक पूर्व टर्म लोन योजना के तहत लगभग 11 सौ लाभार्थियों को 3.60 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया था जिसमें 1.60 करोड़ की वसूली हो चुकी है। लगभग चार करोड़ रुपये ब्याज राशि भी बकाया है। मार्जिन मनी योजना में 1996 से 2007 तक 450 लोगों को 61.50 लाख रुपये का लोन दिया गया था जिसमें लगभग 25 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। मचा हड़कंप शासन द्वारा वित्त विकास निगम का समायोजन करने की खबर से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य वक्फ निरीक्षक एवं मदरसा शिक्षा के प्रभारी मोमिन हसन के पास दिन भर फोन घनघनाते रहे। हसन ने बताया कि इस बाबत शासन से वार्ता की जाएगी। वित्त निगम को बंद नहीं किया गया है वित्त विकास निगम को बंद नहीं किया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में समायोजित करने का मंसूबा है। स्थिति स्पष्ट होने पर ही कार्यवाही अमल में आएगी।
-जेएस मुसाफिर, मंडल प्रभारी अल्पसंख्यक कल्याण वित्त विकास निगम।