लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा उद्योग,कारोबारियों को हो रही परेशानी Sambhal News
कच्चा माल व निर्यात न होने के चलते कारोबारियों को आ रही है दिक्कत। लॉकडाउन से जनमानस तो प्रभावित हुआ ही है कारोबार पर भी इसका बुरा असर पड़ा है।
सम्भल,जेएनएन। लॉकडॉउन के बीच कारोबार करने के लिए छूट मिलने के बाद भी कारोबारियों की परेशानी कम नहीं हुई है। जहां मैंथा से तैयार उत्पादकों का निर्यात नहीं हो रहा है तो वही जूते कारोबारियों को कच्चा माल न मिलने के चलते परेशानी आ रही है। भले ही सरकार ने व्यापारियों को ऋण देने की घोषणा कर दी हो, लेकिन अब भी 38 आवेदन लंबित पड़े हुए है। चन्दौसी को मैंथा उद्योग के लिए देश में ही नहीं विदेशों में भी जाना जाता है। यहां से मैंथा उत्पादकों का निर्यात विदेशों तक किया जाता है। इसके अलावा चमड़ा उद्योग भी अब शहर की पहचान बनता जा रहा है। लॉकडॉउन शुरू होते ही इन उद्योगों पर ग्रहण कर लग गया था। अब जब भारत सरकार ने लॉकडाउन चार में उद्योगों को छूट दी तो यह शुरू हुए है, लेकिन इन्हें पटरी पर लाने में काफी समय लगेगा। क्योंकि यह शुरू होने के बाद वित्तीय, मानव श्रम की समस्या सामने आ रही है। ऐसा ही कुछ हाल कोल्ड स्टोर, आरामशीन, चमड़ा उद्योग का है। शासन ने इन्हें शुरू करने की अनुमति तो दे दी है लेकिन विभिन्न संशाधनों की कमी के कारण अभी यह पटरी पर नहीं आ रहे हैं। सरकार ने जो राहत पैकेज की घोषणा की है इस बारे में स्थानीय प्रशासन को कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। इसलिए उद्यमियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उत्पाद तैयार होने में लगेगा समय
सचिव मैंथा एसोसिएशन चन्दौसी अंकुर अग्रवाल ने कहा कि सरकार के आदेश के बाद 15 मई से मैंथा उद्योग शुरू हो गया है। यह भले ही शुरू हो गया है लेकिन अभी उत्पाद तैयार होने में समय लगेगा। अगर तैयार भी हो गए तो निर्यात करने मेें समस्या आएगी।
नहीं आ रहा कच्चा माल
चन्दौसी के जूता उद्यमी प्रेमपाल बताते हैं कि सरकार ने भले ही उद्योग शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए है, लेकिन आइटम तैयार करने के लिए कच्चे माल की जरूरत है जोकि आगरा व कानपुर से आता है। अभी तक कच्चा माल नहीं आ रहा है। ऐसे में कोरोबार शुरू नहीं हुआ है।
प्रशासन ने नहीं जारी किए निर्देश
फाईनेंर्स एडवाइजर संतोष कुमार बताते हैं कि सरकार ने लॉकडॉउन के कारण जो राहत पैकेज की घोषणा की थी उसका अभी कारोबारियों व उद्यमियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि शासन ने स्थानीय प्रशासन को कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए है।
जल्द ही स्वीकृत किया जाएगा ऋण
सहायक उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र सम्भल राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के छूट देने के बाद उद्यमियों के 70 आवेदन प्राप्त हुए थे। सभी आवेदनों पर विचार करके उद्योग शुरू करा दिए गए है। विभिन्न योजना के तहत ऋण लेने के लिए करीब 38 आवेदन ऑनलाइन मिले है। इन पर कमेटी गठित कर चर्चा की जाएगी और शीघ्र ही ऋण स्वीकृत किया जाएगा।