Move to Jagran APP

रोडटेप योजना में प्रोत्साहन की दर बढ़वाने का प्रयास करेगा ईपीसीएच, जानें क्या है ईपीसीएच की योजना

EPCH will try to increase rate of incentive in Roadtape scheme हस्तशिल्प निर्यात संर्वधन परिषद के अध्यक्ष आरके मल्होत्रा ने बताया कि सरकार ने निर्यातकों से वर्ष 2021-22 में 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने का आग्रह किया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 12:07 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 12:07 PM (IST)
रोडटेप योजना में प्रोत्साहन की दर बढ़वाने का प्रयास करेगा ईपीसीएच, जानें क्या है ईपीसीएच की योजना
ईपीसीएच निर्यात के अपने हिस्से को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुरादाबाद, जेएनएन। EPCH will try to increase rate of incentive in Roadtape scheme : हस्तशिल्प निर्यात संर्वधन परिषद के अध्यक्ष आरके मल्होत्रा ने बताया कि सरकार ने निर्यातकों से वर्ष 2021-22 में 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने का आग्रह किया है। ईपीसीएच निर्यात के अपने हिस्से को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

loksabha election banner

हालांकि, रोडटेप की दरें जिनका उत्सुकता से इंतजार था और हम एमइआइएस योजना के साथ तुलनीय दरों की उम्मीद कर रहे थे, हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए दी जाने वाली दरें 0.01 फीसद से 2.4 फीसद की सीमा में हैं।उन्होंने आगे कहा कि वह कल होने वाली सभी निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ बैठक में कपड़ा और वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों से इन दरों को बढ़ाने पर विचार के लिए अनुरोध करेंगे।

महानिदेशक डा. राकेश कुमार ने बताया कि रोडटेप योजना निर्यातकों को एंबेडेड केंद्रीय, राज्य और स्थानीय शुल्क, कर वापस कर देगी जो अब तक छूट वापसी नहीं किए जा रहे थे और इसलिए, हमारे निर्यात को नुकसान में डाल रहे थे। रिफंड को एक निर्यातक के खाते में सीमा शुल्क के साथ जमा किया जाएगा और आयातित माल पर मूल सीमा शुल्क का भुगतान किया जाएगा। क्रेडिट अन्य आयातकों को भी हस्तांतरित किया जा सकता है।

रांची से आई टीम ने देखी ऑग्रेनिक फार्मिंग की तकनीक : बुधवार को प्रोजेक्ट स्नेह के माध्यम से जैविक किसानों को आम के पेड़ों में परुनिंग एवं कटिंग से पैदावार बढ़ाने की तकनीक सिखाई गई। सीएल गुप्ता आर्गेनिक फार्मिंग के बारे में जानकारी दी गई। रांची से आए आइआरएसए के डायरेक्टर डा. विशाल ने सभी किसानों को कार्यशाला में बताया कि किस तरह हम अच्छे फलों का उत्पादन कर सकते हैं।

फाइव स्टेप आर्डर तकनीक से आम की पैदावार को सीमित क्षेत्र में कैसे बढ़ा सकते हैं आदि जानकारी दी गई। प्रोजेक्ट स्नेह संस्थापिका शिखा गुप्ता ने बताया कि जैविक पद्धति अपनाकर न केवल अपने फार्म को वह रोल माडल बना रहीं हैं। बल्कि अन्य किसानों को भी नई तकनीक विशेषकर कई तरह की वैराइटी भी उपलब्ध करा रहीं हैं। संचालन प्रशासनिक अधिकारी गरिमा सिंह ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.