ईपीसीएच वर्चुअल फेयर ने बनाया रिकार्ड, निर्यातकों को मिली संजीवनी
फेयर से वह हासिल हुआ है जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा रही थी। यह ईपीसीएच की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। भविष्य में इसका लाभ बहुआयामी साबित होगा।
मुरादाबाद। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद की ओर से आयोजित पहले वर्चुअल फेयर ने कोरोना काल में न केवल निर्यातकों के लिए संजीवनी का कार्य किया बल्कि नया रिकार्ड भी बना दिया। इसके लिए फेयर को वर्चुअल प्लेटफार्म पर भी भव्यता और एक हजार से अधिक निर्यातकों द्वारा अपने उत्पादों के प्रदर्शन करने के लिए गोल्डन बुक और वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। संस्था की ओर से इसका प्रमाण भी ईपीसीएच को प्रदान किया गया।
पहली बार आयोजित किए गए वर्चुअल फेयर ने जिस प्रकार से सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं, वह ईपीसीएच की टीम के साथ ही निर्यातकों की मेहनत का परिणाम है। हस्तशिल्प निर्यात इंडस्ट्री को संकट से उबरने में मदद मिली है।
राकेश कुमार, महानिदेशक ईपीसीएच
वर्चुअल मोड पर आईजीएचएफ दिल्ली फेयर का आयोजन नए युग का आगाज है। यह अपार संभावनाओं से परिपूर्ण नया विकल्प है। वैश्विक संकट के बीच ही सही हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट इंडस्ट्री से जुड़े निर्यातकों के लिए ये फेयर संकटमोचक बनकर उभरा है।
नवेद उर रहमान, उपाध्यक्ष ईपीसीएच
वर्चुअल फेयर ने जिस प्रकार से संकट में आई हस्तशिल्प एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को सहारा दिया है, वह लंबे समय तक याद रखा जाएगा। जब रोजगार खत्म हो रहे हैं, तब फेयर के माध्यम से न केवल कारोबार मिला, बल्कि हजारों लोगों के रोजगार को बचाया है।
नजमुल इस्लाम, संरक्षक एमएचईए
ईपीसीएच द्वारा आयोजित वुर्चअल फेयर दुनिया का पहला सबसे बड़ा वर्चुअल फेयर बन गया है। फेयर ने संजीवनी का काम किया है। इससे न केवल इंडस्ट्री का मनोबल बढ़ा है तथा इस से जुड़े सभी लोगों केा हौसला मिला है।
विशाल अग्रवाल, चेयरमैन, यंग इंटरप्रन्योर सोसाइटी
पहली बार में ही वर्चुअल फेयर के नाम कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं। सभी की मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल हो पाया। उन प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया, वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी अपने डिस्प्ले स्टैंड को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया।
नीरज खन्ना प्रेसीडेंट वर्चुअल फेयर