मुरादाबाद के नेताजी पुलिस चौकी के मामले सुलझाने में लगे, जानिए क्या है मामला
नेताजी की पुलिस को जानलेवा हमले के आरोप में तलाश है लेकिन वे चौकी में बैठकर मसले निपटा रहे हैं। इसकी खबर किसी को नहीं।
मुरादाबाद, जेएनएन।डींगरपुर-पाकबड़ा रोड पर रहने वाले एक नेताजी इन दिनों मुसीबत में हैं। पहले भाई का बेटा फायरिंग करने के मामले में पुलिस की नजरों में आ गया। मामला शांत भी नहीं हो पाया था। अपने भतीजे को बचाने के लिए कई जगह चक्कर लगा रहे थे। लेकिन, दो दिन बाद नेताजी एक मामले में थाने में नामजद हो गए। इस मुकदमे में भी उनका भतीजा शामिल हैं। जिन लोगों से विवाद हुआ उनसे पुरानी दुश्मनी है। नेता जी ने ऐसा सियासी गेम खेला कि दूसरी पार्टी देखती रह गई। उनका मुखिया ही जेल चला गया। नेताजी समझौते की बात करते रहे। लेकिन उसने मन में तो कुछ और ही चल रहा था। सेवापानी करने पर वर्दी भी उन्हीं के साथ आकर खड़ी हो गई।
बुलाने पर पीआर करने पहुंचते
कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के एक नेताजी को मक्खन लगाने का शौक गजब का है। वह एक दौर में एक राजनीतिक पार्टी का हिस्सा हुआ करते थे। इन दिनों कोई ठिकाना नहीं है, जो उन्हें बुला ले उसकी पीआर करने के लिए पहुंच जाते हैं। अब तक साइकिल वालों को चचा कहकर उनके आगे पीछे घूम रहे थे। लॉकडाउन में फेसबुक पर उनकी खूब पीआर की। तारीफों के पुल बांध दिए। यहां से जैसे ही मौका बिलारी में मिला वहां भी पहुंच गए। वहां के नेताजी के साथ भी फोटो खिंचाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इन दिनों वह हाथ के पंजे वाले नेताजी के पास देखे जा रहे हैं। लोगों से उनका गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने नेताजी के जन्मदिन पर अपना फोटो उनके साथ फेसबुक पर शेयर करके खून मक्खन लगाया। अपनी तारीफ किसे को भी बुरी लगती है। सो नेताजी भी तारीफ सुनकर गदगद हो रहे हैं।
मैं बाप हूं तुम्हारा
हरियाणा में तैनात वर्दी वाले साहब के वालिद का गुस्सा इन दिनों सातवें आसमान पर है। सम्भल रोड पर उनका गांव है। लेकिन, वह गांव से बाहर आकर रहने लगे हैं। उन्होंने सड़क पर ही घर बना लिया है। पिछले महीने उनके साथ काम करने वाले युवक की बिना नंबर की बाइक का पुलिस ने चालान कर दिया। इतना सुनते ही उनका पारा चढ़ गया। कहने लगे हमारे साथ काम करने वाले की बाइक का चालान। कोतवाली हिला दूंगा। आनन-फानन में थाने पहुंच गए। वहां पुलिस कíमयों ने पूछा आप कौन हैं और कहां से आए हो। कहने लगे तुम्हारा बाप हूं। इसी बीच थाने के मुखिया भी आ गए। उन्होंने समझाकर शांत करने की कोशिश की तो उन पर ही सीधे हो गए। इतना ही नहीं टाइगर से शिकायत कर आए। जांच शुरू होने पर थाने के मुखिया चाय पीने पहुंच गए। इसके बाद उनका गुस्सा शांत हो ही गया।
मैडम की चापलूसी कौन करेगा
वर्दी वालों के साहब के दूसरे जिले में चले जाने के बाद मैडम बहुत तनाव में है। उन्हें चिंता इस बात की है कि साहब चले गए अब उनकी चापसूली कौन करेगा। उनकी डांट खाने वाले भी फोन नहीं उठा रहे हैं। वर्ना तो हाल यह था कि कई सिपाही मैडम की सेवा में लगे रहते थे। उनके मुंह से निकला फरमान सुनते ही चल देते थे। किसी की लौटकर पूछने की हिम्मत नहीं होती थी। साहब की पत्नी हैं, हिम्मत जुटाकर नुकसान कौन उठाता, चाह कर भी किसी ने हिम्मत नहीं की। बड़ी मूंछ वाले साहब भी अब अपनी चाल चलने लगे हैं। किसी से राय नहीं ले रहे। खुद ही वाहनों पर ड्यूटी लगा रहे हैं। राजस्व वसूली वाले स्थानों पर अपने खासों को लगा रखे हैं। हर महीने उनकी एक फीस अलग है, जो भर देता है। उसकी मौज, पंसद की जगह पर ड्यूटी मिल जाती है।