धान खरीद में दो करोड़ 25 लाख का गबन, आरोपितों को गिरफ्तार करने से बच रही पुलिस मुरादाबाद
केंद्र प्रभारी ने आनलाइन 743.44 मी. टन धान मिल को देने का रिकार्ड मेंटेन किया है। जांच में पता चला कि 469.60 टन धान का गोलमाल हुआ है। दो करोड़ 23 लाख रुपये के गोलमाल की पुष्टि बाद रिपोर्ट डीएम को दी गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। धान खरीद में सवा दो करोड़ रुपये के गबन के पुष्टि के बाद भी पुलिस की रहस्यमय खामोशी सालने लगी है। हर कोई पुलिस की सुस्त चाल के पीछे के कारण की तलाश कर रहा है। सभी के जेहन में बस यही सवाल कौंध रहा कि जिस मुकदमे पर जिलाधिकारी की मुहर है, उसमें शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी से पुलिस क्यों कतरा रही? हालांकि पुलिस इस मामले में आरोपितों के बयान दर्ज करने के दावे कर रही? है।
जिला खाद्य व विपणन अधिकारी संजीव कुमार राय ने डिलारी पुलिस को तहरीर दी। बताया कि वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना तहत एसएफसी के डिलारी धान क्रय केंद्र ने 2445.24 मीट्रिक टन धान की खरीद की। जिला प्रबंधक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कुमार ट्रेडिंग कंपनी पर 749.04 मी. टन, कृष्णा इंटरप्राइजेज मिल पर 952.76 मी. ट्रन व महादेव राइस मिल पर 743.44 मी. टन धान एसएफसी ने तीनों राइस मिलर्स को दिया। जबकि जांच में पता चला कि कृष्णा इंटरप्राइजेज ने सीएमआर 638.34 मी. टन की तुलना में महज 144.79 मी. टन, महादेव राईस मिल ने 498.10 मी. टन के सापेक्ष सिर्फ 145.00 मी.टन धान भारतीय खाद्य निगम को भेजा। ऐसे में कृष्णा इंटरप्राइजेज मिल पर 493.55 मी. टन व महादेव राईस मिल पर 353.10 मी. टन धान एसएफसी के डिलारी क्रय केंद्र का बकाया मिला। आंकड़ों में बड़े पैमाने पर धांधली मिली। हेराफेरी ने संदेह पर सम्भागीय खाद्य नियंत्रक ने तत्काल विपणन अधिकारी की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया। जांच टीम में शामिल होने से एसएफसी प्रबंधक मनोज कुमार श्रीवास्तव कन्नी काट गए। जांच में पता चला कि एसएफसी क्रय केंद्र डिलारी से आनलाइन 952.74 मी. टन धान ही कृष्णा इंटरप्राइजेज को मिला। शेष 725.26 मी. धान मिल को मिला ही नहीं। जालसाजों ने मिल की आइडी हैक की और पूर्ण धान प्राप्ति पर मुहर लगा दी। मिलर्स से प्राप्त धान के आनलाइन चालान से पता चला कि केंद्र प्रभारी के लाग इन से कुछ मिनट के अंतराल पर एक ही गाड़ी नंबर के एक से अधिक चालान काटे गए हैं। महादेव राईस मिल ठाकुरद्वारा पर भी यही हाल रहा। मिल पार्टनर किरन कुमारी ने बताया कि महज 273.84 मी. टन धान उन्हें प्राप्त हुआ। जबकि केंद्र प्रभारी ने आनलाइन 743.44 मी. टन धान मिल को देने का रिकार्ड मेंटेन किया है। जांच में पता चला कि 469.60 टन धान का गोलमाल हुआ है। दो करोड़ 23 लाख रुपये के गोलमाल की पुष्टि बाद रिपोर्ट डीएम को दी गई। आरोपित मनोज कुमार श्रीवास्तव जिला प्रबंधक एसएफसी, रेखा सिंह-एसएफसी क्रय केंद्र प्रभारी डिलारी, शैलेंद्र सिंह, राजू यादव, सुमेर कौशिक, किरन कुमारी, ओमप्रकाश चौहान, विपिन शर्मा, चंदू शर्मा, मनोज चौहान, नरेश सिंह व कृष्णा देवी के खिलाफ दस मार्च को गबन और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। तीन दिन बाद भी किसी भी एक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। क्षेत्राधिकारी ठाकुरद्वारा अनूप कुमार ने बताया कि अभियुक्तों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। विवेचना जारी है। गिरफ्तारी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
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