मुरादाबाद में नहीं चल पाएंगी इलेक्ट्रिक बसें, महीनों करना पड़ सकता है इंतजार, जानिए क्या हैं कारण
मुरादाबाद शहर स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद नगर निगम प्रशासन को शहर में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नोड्ल एजेंसी नगर निगम बनाने के साथ फंड भी उपलब्ध कराया जा चुका है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में इलेक्ट्रिक बस का संचालन किया जाना है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। स्मार्ट सिटी होने का दावा करने वाले नगर निगम प्रशासन की पोल खुल गई है। आठ दिन बीत जाने के बाद भी इलेक्ट्रिक बसों का गुरुग्राम से अस्थायी पंजीयन नंबर नहीं ला पाए हैं, जिससे वाहन का पंजीयन नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री द्वारा उदघाटन होने के बाद भी सिटी बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। कब तक सिटी बसें चल पाएंगी, कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है।
मुरादाबाद शहर स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद नगर निगम प्रशासन को शहर में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नोड्ल एजेंसी नगर निगम बनाने के साथ फंड भी उपलब्ध कराया जा चुका है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में इलेक्ट्रिक बस का संचालन किया जाना है। इसके तहत मुरादाबाद को 25 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जानी हैं। मुख्यमंत्री द्वारा चार जनवरी को वर्चुअल द्वारा सिटी बस संचालन का उदघाटन किया गया था, जिसके लिए केवल चार सिटी बसें उपलब्ध कराई गई हैं। सिटी बसों के संचालन के लिए नगर निगम, परिवहन विभाग, रोडवेज, यातायात पुलिस के अधिकारियों की संचालन समिति बनाई गई है। बसों का संचालन के लिए रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक को स्मार्ट सिटी बस सेवा का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। समिति के सदस्यों को बस संचालन का मार्ग निर्धारित करना होता है। नगर निगम प्रशासन को बस, बस चलाने के लिए चालक, परिचालक उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक बसों का पंजीयन भी कराने की जिम्मेदारी है। चार जनवरी को पहुंची बसों का अभी तक परिवहन विभाग में पंजीयन तक नहीं कराया गया है। वाहन की आपूर्ति करने वाली एजेंसी ने गुरुग्राम (हरियाणा) से बस खरीदा है, अभी तक बसों का अस्थायी पंजीयन नंबर नहीं ला पाए हैं, जिसके कारण से वाहनों का पंजीयन कराने के लिए सहायक परिवहन अधिकारी कार्यालय को आवेदन नहीं किया गया है। परिचालक की तैनाती तक नहीं की गई है। इसके कारण सिटी बसें कब से चलनी शुरू होंगी, यह तय नहीं हो पाया है। सिटी बसों की सुविधा के लिए महानगर के लोगों को कई माह तक इंतजार करना पड़ेगा। प्रबंधन निदेशक दीपक चौधरी ने बताया कि बसों की आपूर्ति करने वाले एजेंसी अस्थायी पंजीयन नंबर नहीं ला पाई है, जिसके कारण इलेक्ट्रिक बसों के पंजीयन के लिए आवेदन परिवहन विभाग कार्यालय में नहीं किया गया है। परिचालक शीघ्र तैनात करने का आश्वासन दिया गया है। सभी तैयारी पूरी होने के बाद भी सिटी बसों का संचालन शुरू हो पाएगा।