बिना वारंट घर में घुसने में दारोगा समेत आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा
आधी रात को बिना वारंट घर में घुसने, गृह स्वामी को बिना कारण थाने लाने और दो लाख रुपये लेकर छोडऩे के गंभीर आरोप में रामपुर जनपद की शहजादनगर पुलिस फंस गई है। अदालत ने थाने के पूर्व प्रभारी समेत आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया है। पीडि़त जुठिया गांव के मोहम्मद यारूफ अहमद उर्फ नन्हा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। आधी रात को बिना वारंट घर में घुसने, गृह स्वामी को बिना कारण थाने लाने और दो लाख रुपये लेकर छोडऩे के गंभीर आरोप में रामपुर जनपद की शहजादनगर पुलिस फंस गई है। अदालत ने थाने के पूर्व प्रभारी समेत आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया है। पीडि़त जुठिया गांव के मोहम्मद यारूफ अहमद उर्फ नन्हा है।
यह है पूरा मामला
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में पीडि़त की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार पिप्पल ने परिवाद दाखिल करते हुए बताया कि 19 जनवरी की रात तीन बजे वह अपने घर पर सो रहे थे। इसी दौरान शहजादनगर थाने की पुलिस आ गई। बिना किसी सर्च वारंट के घर में तलाशी ली। महिलाओं के साथ तलाशी के नाम पर अश्लीलता की। उन्होंने जब विरोध किया तो पुलिस ने मारपीट की और उन्हें जबरन अपने साथ जीप में डालकर थाने ले गई। उसे गोकशी और चरस के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। एनकाउंटर करने की बात करके डराते रहे। रिश्तेदारों से उधार लेकर पुलिस को दो लाख रुपये देकर छुड़ाया। पुलिस अफसरों ने नहीं सुनी, तो मानवाधिकार आयोग को भी लिखा।
कोर्ट के आदेश पर हुई रिपोर्ट
अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने प्रार्थना पत्र पर परिवाद स्वीकार करते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी अमित कुमार, एसएसआइ लखपत ङ्क्षसह, दारोगा नवाब नागर, सिपाही कपिल त्यागी, प्रदीप और रघुवीर को नामजद किया है। अदालत अब इस परिवाद पर 13 मार्च को सुनवाई करेगी। तत्कालीन थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि आरोप झूठा है। उनके कार्यकाल में थाना क्षेत्र का एक बड़ा गो तस्कर झम्मन वांछित चल रहा था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। उसने ही अपने किसी परिचित से यह झूठा परिवाद दर्ज कराया है।