रामपुर में ई-रिक्शा चालक की गला घोटकर हत्या, दोस्तों ही निकले दगाबाज
Murder in Rampur पुलिस ने निशानदेही पर शव व रिक्शा को बरामद कर लिया। हत्या में प्रयोग की गई रस्सी भी बरामद कर ली गई।
रामपुर, जेएनएन। टांडा में ई रिक्शा चालक की उसके दोस्तों ने ही रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। पत्नी ने दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी निशानदेही पर शव को बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम को भेजा गया है।
अब्बास नगर गांव निवासी बलवीर सिंह ई रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी पत्नी गीता के अनुसार 30 अगस्त की सुबह उसके दो दोस्त उसके पास आए। कुछ देर बात करने के बाद ई रिक्शा से तीनों रामपुर चले गए। देर रात तक बलवीर घर नहीं लौटा तो स्वजन को चिंता हुई। खोजबीन की गई। लेकिन, कुछ पता नहीं चल सका। सोमवार को उसकी पत्नी ने गुमशुदगी की तहरीर दी। उधर परिवार ने खोजबीन जारी रखी। इसी बीच गांव के एक युवक राजू ने सूचना दी कि उसने तीनों को रामपुर में तोपखाना रोड पर देखा था। उसके घर वालों ने इस विषय में पुलिस को बताया। जिस पर पुलिस ने उन दोनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम जयवीर सिंह निवासी लक्ष्मीनगर व उमेश निवासी मुहल्ला दुलीवाला बताए हैं।
शिकंजा कसते ही बताया सच
पुलिस का शिकंजा कसा तो दोनों ने सच उगल दिया। उन्होंने बताया कि 30 अगस्त को तीनों ने रामपुर में शराब पी थी। इसके बाद शहर में घूमने के बाद शाम चार बजे वापस हो रहे थे। प्रानपुर पुल से सौ मीटर आगे तीनों ने फिर शराब पी। इस दौरान उनमें किसी बात पर गाली गलौज हो गई। जिस पर उनमें से एक ने रिक्शा में से रस्सी निकाल कर उसका गला घोंट दिया। इस दौरान दूसरे ने भी उसका सहयोग किया। उसके बाद शव को झाड़ियों में और रिक्शा को कोसी नदी किनारे फेंक कर वे वहां से चले आए। पत्नी गीता देवी की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई कराई गई है।
शराब पीते समय हुई कहासुनी
कोतवाली प्रभारी माधो सिंह बिष्ट का कहना है कि दोनों आरोपितों के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छुपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों ने अपराध स्वीकार कर लिया है। शराब पीते समय कहासुनी में विवाद बढ़ने पर दोनों ने बलवीर की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
भारतीय गौरक्षा वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ली बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी
बलवीर के जाने के बाद उसके तीन मासूम बच्चों की जिम्मेदारी उसके पत्नी पर आ गई है। तीनों को बिलखता देख वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख नम थी। ग्रामीण उन्हें सांत्वना दे रहे थे। इस बीच भारतीय गौरक्षा वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज ठाकुर ने भी गांव पहुंच कर परिवार को सांत्वना दी। उन की दशा देख उन्होंने परिवार के खर्च की जिम्मेदारी उठाने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी संगठन की ओर से उठाने की जिम्मेदारी ली है। कहा कि संगठन पूरा खर्चा उठाएगा।