काेराेना काल में मुरादाबाद के पांच दाेस्ताें ने की अनाेखी पहल, गरीबाें के घर जाकर बांट रहे प्रतिदिन साै लीटर दूध
कोरोना महामारी में लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वहीं कोरोना संक्रमित पर लोग घर तक से दूरी बना लेते हैं। ऐसे समय में शहर के पांच लोग संस्था बनाकर घर-घर मुफ्त में दूध उपलब्ध का काम कर रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। : कोरोना महामारी में लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वहीं, कोरोना संक्रमित पर लोग घर तक से दूरी बना लेते हैं। ऐसे समय में शहर के पांच लोग संस्था बनाकर घर-घर मुफ्त में दूध उपलब्ध का काम कर रहे हैं। संस्था के सदस्य प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों के साथ ही गरीबों के घर जाकर दूध बांटते हैंं। कोरोना की दूसरी लहर में बहुत कम ऐसे लोग सामने आए हैं, जिन लोगों ने संक्रमितों की मदद करने का काम किया है। कोरोना की पहली लहर में सैनिटाइजर, मास्क से लेकर खाना बांटने के लिए सरकार के साथ ही कई संस्थाओं ने काम किया था, लेकिन दूसरी लहर इतनी खतरनाक थी, कि इससे बहुत कम लोग संक्रमित होने से बच पाए हैं।
पहली लहर में ज्यादातर लोग घरों में रहकर बच गए थे। लेकिन, दूसरी लहर में अस्पतालों में भी जगह नहीं मिली। श्मशान घाट में शव जलाने के लिए भी लोगों को टोकन लेने पड़ रहे थे। ऐसे में शहर के पांच दोस्तों ने मिलकर एक छोटी से पहल की। मानसरोवर कॉलोनी में रहने वाले मोहित, कमलदीप, प्रतीक, पिंटू और जय कत्याल ने मिलकर मिल्क फॉर ऑल संस्था बनाई। इस संस्था के माध्यम से इन युवाओं ने कोरोना संक्रमितों के साथ मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीबों को सुबह-सुबह मुफ्त में दूध बांटने का काम किया।
मौजूदा समय में यह संस्था प्रतिदिन लगभग सौ लीटर दूध वितरित करने का काम कर रही है। संस्था ने ऐसे कोरोना संक्रमितों के घर में दूध व अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाने का काम किया जो आर्थिक रूप से कमजोर थे। मुहल्लों में घूम कर लेते थे जानकारीकोरोना महामारी की पाबंदियों के कारण यह लोग अपने आस-पास के मुहल्लों के साथ लाइनपार के पिछड़े इलाकों में जाकर दूध वितरण का काम करते हैं। संस्था के सदस्य कमलदीप ने बताया कि वह इस काम के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क करते हैं, जो लोग गरीब होते हैं, वह स्वयं उनके घरों में जाकर दूध के साथ अन्य सामान पहुंचाते हैं।