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दोहरी मौत मरा राफिया, हैदराबाद से अमरोहा शव लाने के लिए वसूल लिए 80 हजार Amroha News

अमरोहा के एक गरीब की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गई। कोरोना संक्रमित जानकर किसी ने मृतक के भाइयों की मदद तक नहीं की। इसके बाद शव अमरोहा लाने के लिए वाहन नहीं मिला।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 08:34 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 08:34 AM (IST)
दोहरी मौत मरा राफिया, हैदराबाद से अमरोहा शव लाने के लिए वसूल लिए 80 हजार Amroha News
दोहरी मौत मरा राफिया, हैदराबाद से अमरोहा शव लाने के लिए वसूल लिए 80 हजार Amroha News

अमरोहा, जेएनएन। कमाई के लिए हैदराबाद में रह रहे अमरोहा के एक गरीब की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गई। कोरोना संक्रमित जानकर किसी ने मृतक के भाइयों की मदद तक नहीं की। इसके बाद शव अमरोहा लाने के लिए वाहन नहीं मिला। ऐसे में उसकी मजबूरी पर जमकर सौदेबाजी हुई। आखिरकार अस्सी हजार के किराये पर एक एंबुलेंस ने शव यहां पहुंचाया। परिजनों से कर्ज लेकर किराया भरा गया। इस तरह हैदराबाद में अमरोहा के मजदूर की दोहरी मौत हो गई।

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यह है पूरा मामला

थाना देहात के गांव धनौरी अहीर निवासी इब्ने अली, अपने भाई राफिया के साथ हैदराबाद में रुई की मशीन पर मजदूरी करता था। लॉकडाउन के चलते काम बंद था। शुक्रवार की सुबह राफिया के सीने में अचानक तेज दर्द उठा। इससे वह चीखने लगा। इब्ने ने पड़ोसियों से मदद मांगी। कोरोना संक्रमण के खौफ से उसकी मदद को कोई भी आगे नहीं आया। हालांकि किसी ने फोन करके एंबुलेंस मंगाने में मदद कर दी। इब्ने अपने भाई को लेकर अस्पताल पहुंचा तो वहां भी कोरोना के डर से उसका जल्दी इलाज शुरू नहीं हुआ। जब इलाज शुरू हुआ, तब तक राफिया दम तोड़ चुका था। हालांकि अस्पताल ने गहराई से जांच कर उसकी मौत हार्ट अटैक से होने का प्रमाणपत्र दे दिया। राफिया की बीवी चार बच्चों के साथ अमरोहा में ही रहती है। इसके चलते उसका शव अमरोहा लाना था।

कोई वाहन आने को नहीं हुआ राजी  

इब्ने ने कई प्रयास कर लिए मगर कोई वाहन आने को राजी नहीं हुआ। ऐसे में एक एंबुलेंस स्वामी ने उसकी मजबूरी समझ ली, इसके बाद एक लाख से शुरू हुई सौदेबाजी अस्सी हजार पर फाइनल हो गई। इब्ने ने अपने मालिक से 15 हजार रुपये उधार लिए और अमरोहा के लिए निकल पड़ा। 32 घंटे के सफर के बाद शनिवार रात 12 बजे वह भाई के शव को लेकर अमरोहा पहुंचा। जहां तड़के उसका दफीना कर दिया गया। रात में ही जान-पहचान व सगे संबंधियों से इब्ने ने 65 हजार रुपये कर्ज लेकर एंबूलेंस चालक को दिए, जिसे लेकर वह वापस लौट गया।

इब्ने ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान उसका भाई दोहरी मौत मर गया। उसके बच्चों के भरण-पोषण के संकट के बीच 65 हजार का कर्ज कैसे चुकता होगा, इसको लेकर पूरे परिवार में कोहराम मचा है। एसडीएम विवेक यादव ने बताया उक्त प्रकरण संज्ञान में नहीं है। टीम भेजकर जानकारी कराई जाएगी। परिजनों को नियमानुसार हरसंभव मदद उपलब्ध कराएंगे। 


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