न करें चिंता, ऑक्सीजन की नहीं है कमी, मुरादाबाद में 10 दिन का बैकअप
3680 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की प्रतिदिन खपत होती है। अस्पतालों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का 10 दिन का बैकअप अभी मौजूद है।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी नहीं है। गैस एजेंसियां 10 दिन के बैकअप प्लान के साथ अस्पतालों को आपूर्ति कर रही हैं। काेरोना संक्रमण के साथ ही अस्पतालों ने भी ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ा दी थी। अब प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन 3,680 मिट्रिक टन मरीजों पर खर्च हो रही है। सबसे ज्यादा खपत मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर माह में बढ़ी है। दाम में भी कोई इजाफा नहीं हुआ है। 17.40 प्रति किलोग्राम के हिसाब से गैस अस्पतालाें को उपलब्ध कराई जा रही है।
पीतल उद्योग के लिए 48 रुपये प्रति किलो वेल्डिंग में इस्तेमाल होने वाली गैस 48 रुपये प्रति किलो महंगी दी जा रही है। गैस आपूर्ति देने वाली कंपनी अधिकारियों के मुताबिक कार्मशियल गैस 15 फीसद ही उपलब्ध कराई जा रही है।
अस्पताल, सिलेंडर, ऑक्सीजन किलोग्राम, - कोविड-19 एल-2 महिला अस्पताल, दो कायोजेनिक, 540 किलोग्राम प्रतिदिन, - कोविड-19 एल-टू पुरुष अस्पताल, 105 किलोग्राम प्रतिदिन, - एपेक्स अस्पताल, दो कायोजेनिक, 540 किलोग्राम प्रतिदिन, डी टाइप 5 सिलेंडर, 35 किलोग्राम प्रतिदिन, - साईं अस्पताल, दो कायोजेनिक, 405 किलोग्राम प्रतिदिन, डी टाइप 10 सिलेंडर, 70 किलोग्राम प्रतिदिन, - ब्राइट स्टार अस्पताल, चार कायोजेनिक, 1000 किलोग्राम प्रतिदिन, डी टाइप 15 सिलेंडर, 105 किलोग्राम प्रतिदिन, - फोटोन अस्पताल, 270 किलोग्राम प्रतिदिन, - उजाला अस्पताल, एक कायोजेनिक कैप्सूल, 270 किलोग्राम प्रतिदिन, - केवीआर अस्पताल, एक कायोजेनिक कैप्सूल, 270 किलोग्राम प्रतिदिन, - एल-थ्री टीएमयू अस्पताल, 70 किलोग्राम प्रतिदिन, --- एल-एन,
एल-टू, एल-थ्री अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। प्राथमिकता के साथ ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक ऑक्सीजन की दिक्कत सामने नहीं आई है।
डाॅ एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं है। कोरोना से पहले चार सिलेंडर तीन दिन में खत्म होते थे। मार्च के बाद से प्रतिदिन 10 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन की खपत हो रही है। अतिरिक्त तीन दिन का बैकअप रहता है।
डाॅ राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल
ऑक्सीजन को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं है। आइसीयू में ऑक्सीजन खर्च हो रही है। ऑक्सीजन पुराने रेट पर ही दी जा रही है। कोरोना के नाम पर पुरानी कंपनी ने दाम बढ़ाने का प्रयास किया था तो हमने कंपनी बदल दी।
डॉ अंकुर गोयल, डायरेक्टर साईं अस्पताल
हमारे यहां ऑक्सीजन का अपना प्लांट है। बैकअप के लिए क्वात्रा गैस एजेंसी से हमारा टाइअप है। एल-थ्री अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं है।
डॉ वीके सिंह, टीएमयू एलथ्री कोविड-19 अस्पताल
आइसीयू के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। कोरोना काल में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है। बीच में सुनने में आया था कि ऑक्सीजन की कमी होगी लेकिन, कंपनी ने पूरा भरोसा दिलाया था।
डॉ सुनील कुमार, चिकित्सा अधीक्षक कोठीवाल डेंटल कालेज
मेडिकल ऑक्सीजन की कमी नहीं है। मार्च से पहले 15 फीसद मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति थी, अब 85 फीसद है। कामर्शियल ऑक्सीजन की दिक्कत है। अस्पतालों को प्राथमिकता के साथ ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है।
विपिन क्वात्रा, क्वात्रा ऑक्सीजन
जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन 3,680 मिट्रिक टन का अस्पतालाें में इस्तेमाल किया जा रहा है। 10 दिन का बैकअप रहता है। बाकी कंपनी से भी लगातार संपर्क बना हुआ है।
नरेश दीपक मोहन, औषधि निरीक्षक।
ऑक्सीजन को लेकर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। पहले हम लोगों को 250 रुपये में बड़ा सिलेंडर मिल जाता था। अब उस सिलेंडर के 500 रुपये ले रहे हैं। दूसरा विकल्प नहीं होने से उनके दाम के हिसाब से गैस खरीदनी पड़ रही है।
डॉ रवि गंगल, बाल रोग विशेषज्ञ