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मोबाइल का न करें ज्यादा इस्तेमाल, बन जाएंगे मिर्गी के मरीज Moradabad News

बच्चों और युवाओं को मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। चिकित्सक कुछ ऐसी ही सलाह दे रहे हैं। बच्चे फोटोजेनिक एपिलेप्सी के शिकार हो रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 01:22 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:05 AM (IST)
मोबाइल का न करें ज्यादा इस्तेमाल, बन जाएंगे मिर्गी के मरीज Moradabad News
मोबाइल का न करें ज्यादा इस्तेमाल, बन जाएंगे मिर्गी के मरीज Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। फोटोजेनिक एपिलेप्सी यानी मिर्गी के दौरे पडऩे की शुरुआत हो चुकी है। जी हां आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल जहां कारगर है तो वहीं जरूरत से ज्यादा स्क्रीन पर नजरें गढ़ाना दिमाग के संतुलन को बिगाड़ रहा है। घंटों तक लगातार लैपटॉप, टच स्क्रीन मोबाइल पर बच्चे वीडियो गेम, सोशल मीडिया पर एक्टिव हो रहे हैं। देर रात तक उनकी नींद पूरी नहीं होने से फोटोजेनिक एपिलेप्सी की बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसकी चपेट में सबसे अधिक वो बच्चे आ रहे हैं जो मोबाइल के कांटेक्ट में अधिक रहते हैं। ये भी मिर्गी का एक कॉमन कारण बनता जा रहा है। इस तरह के मरीजों की संख्या न्यूरोफिजीशियन के क्लीनिक में बढ़ती जा रही है। इससे बचाव के लिए जरूरत के मुताबिक ही मोबाइल का इस्तेमाल करें। इस तरह की कोई भी परेशानी अगर बच्चों में नजर आए तो फौरन न्यूरोफिजीशियन से संपर्क करें। जरा सी लापरवाही बच्चे की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। 

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युवाओं में नींद की कमी से भी पड़ रहा मिर्गी का दौरा 

मिर्गी रोग बिगड़ती जीवनशैली की वजह से युवाओं में भी बढ़ रहा है। निरंतर सोशल साइट पर सक्रिय रहने की वजह से युवा देर रात तक जागते हैं। सुबह में आफिस या अपने काम पर जाने का समय निर्धारित है। इस वजह से उनकी नींद मात्र तीन से चार घंटे की ही हो पाती है। इसकी वजह से दिमाग में दिक्कत शुरू हो रही है। इस तरह के मरीजों की भी संख्या बढ़ी है। 

अन हेल्दी मीट दे रहा मिर्गी रोग 

जिले में स्लाटर हाउस का निर्माण नहीं होने का असर लोगों के दिमाग पर पड़ रहा है। अन हेल्दी मीट के सेवन से शरीर में कीड़ा प्रवेश कर जाता है और वो कीड़ा दिमाग में प्रवेश करने के साथ ही शरीर में अंडा दे देता है। इसे आम भाषा में गांठ भी कहा जा सकता है। मिर्गी का एक प्रमुख कारण ये भी बनता जा रहा है। 

इलेक्ट्रोनिक उपकरणों की वजह दिमागी बीमारियां बढ़ रही हैं। खासतौर पर मिर्गी की परेशानी बच्चों और युवाओं में बढ़ रही है। इस तरह के केस देखने को मिल रहे हैं। आधुनिक इलाज से इसकी रोकथाम हो सकती है। 

डॉ. नीरज गुप्ता, न्यूरोफिजीशियन। 

मोबाइल से ज्यादा कांटेक्ट में रहने की वजह से नींद पूरी नहीं हो रही है। ये दिक्कत अब कॉमन होती जा रही है। किसी को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो उसकी वीडियो बना लें। इससे चिकित्सक को इलाज करने में आसानी हो जाएगी। 

डॉ. तरुण अग्रवाल, न्यूरोफिजीशियन।


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