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मुरादाबाद जिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर खड़े मरीजों से डीएम ने पूछा हाल, जानें मरीजों ने क्या बताया

Moradabad District Hospital डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जिला अस्पताल की ओपीडी तथा कोविड-19 टीकाकरण सेंटर का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या तथा दवाई वितरण के बारे में पूछा।पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चे के बारे में जानकारी प्राप्त की।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 11:46 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 11:46 AM (IST)
मुरादाबाद जिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर खड़े मरीजों से डीएम ने पूछा हाल, जानें मरीजों ने क्या बताया
जिलाधिकारी ने ओपीडी के बाहर बैठे मरीजों से पूछा कि चिकित्सालय से दवाई मिल रही है या नहीं।

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad District Hospital : डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जिला अस्पताल की ओपीडी तथा कोविड-19 टीकाकरण सेंटर का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या तथा दवाई वितरण के बारे में पूछा। पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चे मुहम्मद जियान के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने ओपीडी के बाहर बैठे मरीजों से पूछा कि चिकित्सालय से दवाई मिल रही है या नहीं। चिकित्सकों के व्यवहार के विषय में जानकारी की।

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जिला अधिकारी को कुछ मरीजों ने अपनी समस्या बताईं तो जिलाधिकारी ने सीएमएस को निर्देश दिया कि इनका निस्तारण तत्काल सुनिश्चत करें। जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया गया, इसमें केवल एक स्टाफ नर्स रंजीता अपनी डयूटी पर उपस्थित पाई गई। डायटीशियन के विषय में यूनिसेफ के परामर्शदाता द्वारा शिकायत की गयी कि वह किसी भी दिन समय से उपस्थित नहीं होती है। एनआरसी की स्टाफ नर्स सावित्री लगभग 15 दिन से अपनी डयूटी से अनुपस्थित चल रही हैं, इसके बारे में उन्होंने कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग एवं अन्य चिकित्सकगण उपस्थित रहे।

मेंथा की खेती को बढ़ावा देने के प्रेरित किया : डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में मेंथा उत्पादकों एवं ट्रेडर्स की समस्याओं के संबंध में बैठक की गयी। इसमें डीएम ने मेंथा उत्पादक कृषकों एवं ट्रेडर्स की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका समाधान कराने के निर्देश दिए। किसानों को फसलों में कम्पोस्ट व गोबर की खाद का प्रयोग करने का सुझाव दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि गोबर की खाद के प्रयोग से फसल की लागत में कमी आएगी और फसल का अधिक उत्पादन होगा। भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी। कृषक द्वारा बताया गया कि बर्मी कंपोस्ट खाद के लिए केंचुए की मृत्यु हो रही है। उद्यान अधिकारी गया प्रसाद ने मोबाइल नंबर लेते हुए कहा समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया।


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