उप निदेशक कृषि बोले, बिना सुपर पुआल प्रबंधन प्रणाली लगे कंबाइन हार्वेस्टरों को फसल काटने की इजाजत नहीं
उप निदेशक कृषि सीएल यादव ने बताया कि बिना सुपर पुआल प्रबंधन प्रणाली लगे कंबाइन हार्वेस्टरों को फसल काटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस प्रणाली को लगवाने पर 1.10 लाख रुपये का खर्च आता है। राज्य सरकार इसके लिए किसानों की मदद कर रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। तहसील बिलारी के चौधरपुर गांव में किसान के पराली जलाने की घटना प्रकाश में आने के बाद प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। पराली जलाने पर लगाम कसने के लिए किसानों को चेतावनी दी कि कंबाइन हार्वेस्टर का इस्तेमाल बिना सुपर पुआल प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस) के किया तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। सुपर एसएमएस को कंबाइन हार्वेस्टर के साथ लगाया जाता है जो पराली को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर खेत में बिखेर देती है, जिससे किसानों को अगली फसल की बुवाई के लिए पराली या पुआल को जलाने की जरूरत नहीं होती है।
उप निदेशक कृषि सीएल यादव ने बताया कि बिना सुपर पुआल प्रबंधन प्रणाली लगे कंबाइन हार्वेस्टरों को फसल काटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस प्रणाली को लगवाने पर 1.10 लाख रुपये का खर्च आता है। राज्य सरकार इसके लिए किसानों की मदद कर रही है। मुरादाबाद प्रदूषण को लेकर पूरे देश में बदनाम है। पराली जलने से प्रदूषण होता है। हवा खराब होने से लोगों को सेहत संबंधी दिक्कतें होती हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने भी खेतों में पराली जलाने पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। जिस किसान के खेत में पराली जलती मिलेगी उसके खिलाफ मुकदमा होगा है। साथ ही संबंधित लेखपाल और प्रधान का जवाब तलब होगा।किसानों को किराए पर मिलेंगी मशीनें उप निदेशक कृषि सीएल यादव ने बताया कि विभाग ने तीन गन्ना समितियों और 12 सहकारी समितियों को धान और गेहूं की फसल के अवशेष नष्ट करने के लिए मल्चर और एमबी प्लाऊ मशीनें सब्सिडी पर दी गई हैं। किसानों मशीन उसे सस्ते किराए पर मिल जाएंगीं। यह मशीनें खेतों में बचे अवशेष को पटलकर मिट्टी में मिला देंगी। जिससे खेत का अवशेष खाद बन जाएगा। जिले के दो गांव प्रशासन के रडार पर कृषि विभाग ने इन दोनों गांवों को 80 फीसद सब्सिडी पर अवशेषों को नष्ट करने वाली मल्चर और एमबी प्लाऊ मशीनें दी हैं। वहां के किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूकता किया जा रहा है। उप निदेशक कृषि ने बताया कि दो एकड़ तक की जमीन में पराली जलाने पर ढाई हजार रुपये जुर्माना देना होगा। ढाई से पांच एकड़ तक जमीन की पराली जलाने वालों को पांच हजार और पांच एकड़ से अधिक जमीन में पराली के अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।