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संसद में फिर गूंजी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग, अमरोहा सांसद ने विधि और न्याय मंत्री से पूछे सवाल Amroha news

इसके साथ ही अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली ने जेल में बंद दलित अल्पसंख्यक व पिछड़ों का भी मुद्दा संसद के शीतकालीन सत्र में उठाया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 03:25 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 03:25 PM (IST)
संसद में फिर गूंजी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग, अमरोहा सांसद ने विधि और न्याय मंत्री से पूछे सवाल Amroha news
संसद में फिर गूंजी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग, अमरोहा सांसद ने विधि और न्याय मंत्री से पूछे सवाल Amroha news

अमरोहा, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही है। समय-समय पर इसको लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंदोलन भी हुए। अधिवक्ताओं ने भी बड़े पैमाने पर बेंच की मांग को लेकर आवाज बुलंद लेकिन, अभी तक यह मांग पूरी नहीं हो सकी है। अब एक बार फिर यह मुद्दा गूंजा, वह भी देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद में।

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मुरादाबाद या मेरठ मंडल में हो स्‍थापना

अमरोहा से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने संसद के शीतकालीन सत्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का मुद्दा उठाया। कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह हस्तक्षेप कर शीघ्र ही मेरठ या मुरादाबाद मंडल में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कराने का काम करें। साथ ही उन्होंने जेलों में बंद दलित, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के लोगों के संबंध में भी सवाल पूछे। 

वादकारियों को 800 किमी करना पड़ता है सफर

बुधवार को अमरोहा सांसद ने संसद के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया। उन्होंने विधि और न्याय मंत्री रवि शंकर के सामने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का मुद्दा रखा। कहा कि क्षेत्रफल के लिहाज से यूपी बड़ा प्रदेश है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ व मुरादाबाद मंडल समेत कई मंडल के वादकारियों को 800 किमी. का सफर पूरा कर इलाहाबाद जाना पड़ता है। न सिर्फ वादकारी बल्की पश्चिमी यूपी के अधिवक्ता भी काफी समय से यहां हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग करते आ रहे हैं। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर शीघ्र ही मेरठ या मुरादाबाद मंडल में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कराए। इसके साथ ही उन्होंने न्याय मंत्री से यह सवाल भी किया कि देश की जेलों में कितने दलित, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के लोग बंद हैं। इन दोनों सवालों के विधि और न्याय मंत्री रवि शंकर ने जवाब दिए। कहा कि हाईकोर्ट बेंच की स्थापना के मामले में न्यायिक व्यवस्था के साथ ही प्रदेश सरकार को ढांचा तैयार करने की जरूरत है। 


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