यूपी चुनाव 2022 में चार पूर्व मंत्रियों की साख दांव पर, पूर्व मंत्रियों के बेटे हैँ इन सीटोंं से उम्मीदवार
UP Election 2022 जिले में इस बार चार पूर्व मंत्रियों के बेटे भी चुनाव मैदान में हैं। तीन पहली बार चुनावी दंगल में कूदे हैं। इनमें दो में पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। इनकी आमने-सामने की सियासी लड़ाई से माहौल भी गर्मा गया है।
रामपुर, जेएनएन। UP Vidhan Sabha Election 2022 : जिले में इस बार चार पूर्व मंत्रियों के बेटे भी चुनाव मैदान में हैं। तीन पहली बार चुनावी दंगल में कूदे हैं। इनमें दो में पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। इनकी आमने-सामने की सियासी लड़ाई से माहौल भी गर्मा गया है। पुलिस को इनकी निगरानी करनी पड़ रही है। समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता सांसद आजम खां एक-दो बार नहीं, बल्कि चार बार प्रदेश सरकार में कई-कई विभागों के मंत्री रहे हैं।
वह करीब दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं और शहर से सपा प्रत्याशी हैं, जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि वह पिछले चुनाव में भी सपा प्रत्याशी थे और विधायक चुने गए थे, लेकिन बाद में कम उम्र में चुनाव लड़ने के आरोप में हाईकोर्ट नें उनकी विधायकी रद्द कर दी थी। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां के बेटे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां भी अब्दुल्ला के मुकाबले चुनाव लड़ रहे हैं।
वह भाजपा गठबंधन दल के प्रत्याशी हैं और पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इन दोनों में पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। पहले झगड़ा भी हो चुका है। इसलिए पुलिस इनकी निगरानी कर रही है। दोनों के पीछे पुलिस की एक-एक गाड़ी चलती है। एसपी अंकित मित्तल का कहना है कि गाड़ी में सवार पुलिस निगरानी करने के साथ ही सुरक्षा भी करती है।
आजम खां के मुकाबले आकाशः पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना और पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के बेटे मुस्तफा हुसैन भी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। आकाश रामपुर शहर से आजम खां के मुकाबले चुनाव मैदान में हैं। वह भाजपा प्रत्याशी हैं। उनका भी आजम खां से छत्तीस का आंकड़ा है। उन्होंने आजम खां और उनके बेटे व पत्नी के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज कराए हैं। मुस्तफा हुसैन चमरौआ से बसपा प्रत्याशी हैं।
वह जिला पंचायत के सदस्य हैं और पहली बार ही चुनाव मैदान में उतरे हैं। इनके पिता गांव के प्रधान रहने के साथ ही स्वार के ब्लाक प्रमुख, विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे थे। चारों पूर्व मंत्रियों के बेटे पूरे दमखम से चुनाव मैदान में डटे हैं और खुद को जीता हुआ प्र्त्याशी मानकर चल रहे हैं।