अदालतों में अब फिर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई, भीड़ रोकने के लिए लिया गया फैसला
जिन प्रकरणों में साक्ष्य पूर्ण हो चुके हैं उनमें बहस सुनी जा सकती है अथवा लिखित बहस ग्रहण की जा सकती है। उन्होंने बताया कि फौजदारी मामलों में पक्षकारों की अनुपस्थिति में कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाएगा।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर अदालतों ने बचाव करते हुए न्यायिक कार्य करने का निर्णय लिया है। अदालतों में अनावश्यक भीड़ रोकने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की जाएगी। रोजाना न्यायालय खुलने से पहले साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन किया जाएगा।
रामपुर के जिला जज गौरव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि समस्त न्यायालयों में उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार वादों/प्रार्थना-पत्रों पर ही सुनवाई की जाएगी। नवीन एवं लंबित, जमानत प्रार्थना-पत्र, अग्रिम जमानत प्रार्थना-पत्र, वाहन अवमुक्ति से संबंधित प्रकरण, छोटे अपराध वाले मामलों का निस्तारण, विचाराधीन बंदियों से संबंधित न्यायिक कार्य, रिमांड आदि कार्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित किए जाएंगे। जिन प्रकरणों में साक्ष्य पूर्ण हो चुके हैं, उनमें बहस सुनी जा सकती है अथवा लिखित बहस ग्रहण की जा सकती है। उन्होंने बताया कि फौजदारी मामलों में पक्षकारों की अनुपस्थिति में कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाएगा। न्यायिक कार्य पूर्ण होने पर न्यायिक अधिकारी एवं न्यायिक कर्मचारीगण द्वारा न्यायालय परिसर तुरंत छोड़ दिया जाएगा। समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण अपने-अपने न्यायालय में कम से कम न्यायिक कर्मचारीगण की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए न्यायिक कार्य संपादित करेंगे तथा पीठासीन अधिकारीगण साप्ताहिक आधार के अनुसार न्यायिक कर्मचारीगण की न्यायालय में उपस्थित सुनिश्चित करेंगे। न्यायालय में अग्रिम आदेश तक गाउन धारण करने से छूट प्रदान की जाती है। सिस्टम आफिसर इस आदेश को वेबसाइट पर अपलोड करें।