CoronaVirus Lockdown: COVID-19 के संक्रमण में घाटे से उबरने को रेलवे ने तैयार किया विकल्प
CoronaVirus Lockdown रेलवे की खाली संपत्ति का वाणिज्यिक उपयोग करने खान-पान व ई-टिकट पर अतिरिक्त भार बढ़ाने माल ढुलाई में दिए जा रहे छूट को खत्म करने पर विचार किया जा रहा है।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 24 मार्च से चल रहे लॉकडाउन में रेलवे की सेवा भी ठप है। ऐसे में रेलवे को बड़े घाटे से उबारने के लिए अब विकल्प पर मंथन किया जा रहा है।
इसमें यात्री किराया बढ़ाने के बजाय रेलवे की खाली संपत्ति का वाणिज्यिक उपयोग करने, खान-पान व ई-टिकट पर अतिरिक्त भार बढ़ाने, माल ढुलाई में दिए जा रहे छूट को खत्म करने पर विचार किया जा रहा है।
कोरोना की रोकथाम के लिए देश भर में लॉकडाउन के साथ रेल प्रशासन ने 21 मार्च से यात्री गाड़ी चलाना बंद कर दिया था। बाद में मालगाड़ी से खाद्यान्न, दवाई व कोयला की ढुलाई की जा रही है। 22 मार्च से 14 अप्रैल तक 55 लाख टिकट वापस करने पर 830 करोड़ रुपये यात्रियों को दिए गए। 15 अप्रैल से तीन मई तक 39 लाख आरक्षित टिकट वापस करने पर 660 करोड़ रुपये वापस करने होंगे। मुरादाबाद रेल मंडल में 21 से 31 मार्च तक 30 करोड़ रुपये यात्रियों को वापस किया जा चुका है। एक अप्रैल से तीन मई तक एडवांस टिकट लेने वालों को 40 करोड़ रुपये देने हैं। उधर, रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब होने से अधिकारियों व कर्मियों के वेतन के कई मद में कटौती की जा रही है।
ई-टिकट पर बढ़ सकता है अतिरिक्त भार
रेलवे बोर्ड चेयरमैन व उत्तर रेलवे महाप्रबंधक सप्ताह में दो से तीन दिन घाटे एवं इससे उबरने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग होती है। ट्रेन में उपलब्ध कराने जाने वाले खाने व ई-टिकट पर अतिरिक्त भार बढ़ाने, माल ढुलाई पर दिए जा रहे छूट को खत्म करने, घाटे वाले पैसेंजर ट्रेन को नहीं चलाने पर गंभीरता पर भी विचार किया जा रहा है। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मंडल में 70 करोड़ रुपये यात्रियों को वापस किए जाने हैैं। मुरादाबाद मंडल मुख्यालय से खाली जमीन आदि की सूचना भेजी गई है।