कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज के बदले नियम, विदेश से आने वालों को अब नौ महीने में नहीं लगेगी सतर्कता डोज
Corona Vaccine Booster Dose विदेश यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। नौ माह के बजाय अब 90 दिन में बूस्टर डोज लगाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने नियमों में फेरबदल करते हुए यह अवधि घटाई है। टीकाकरण में 270 टीमें लगी हुई हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Corona Vaccine Booster Dose : विदेश यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। नौ माह के बजाय अब 90 दिन में बूस्टर डोज लगाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने नियमों में फेरबदल करते हुए यह अवधि घटाई है। टीकाकरण में 270 टीमें लगी हुई हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। ऐसे लोग जिन्होंने कोविड की दूसरी डोज लगवा ली है और वह नौ माह की निर्धारित समयावधि से पहले ही बूस्टर डोज लगवाकर विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं।
उनके लिए अलग से कोविड टीकाकरण सत्र लगाकर बूस्टर डोज लगाई जाएगी। इसके लिए मंगलवार से विभाग काम शुरू कर देगा। यह डोज 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को विदेश जाने पर ही लगाई जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. दीपक वर्मा ने बताया कि 41 हजार से अधिक लोगों को बूस्टर डोज लग चुकी है। कोरोना टीकाकरण के लिए रोजाना लगभग 270 लोगों की टीम लगी है। 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर जैसे प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस विभाग, पंचायती राज, सफाई कर्मचारी, प्रशासनिक अधिकारी का टीकाकरण हो चुका है।
यह पत्र लाने होंगेः विदेश यात्रा पर जाने वाले लोगों को वीजा, एयर टिकट, नौकरी का पत्र, पढ़ाई का पत्र, यात्रा पर जाने का वास्तविक कारण बताना होगा। इसके लिए प्रतिरक्षण कार्यालय में सभी पत्र दिखाने होंगे।
डा. राशि श्रीवास्तव को मिला राष्ट्रीय शिक्षा प्रतिभा पुरस्कार : आइएफटीएम विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी संकाय की एसोसिएट प्रोफेसर डा. राशि श्रीवास्तव को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट करने को ‘राष्ट्रीय शिक्षा प्रतिभा पुरस्कार 2022’ मिला है। शिक्षा के क्षेत्र में कौशल, समर्पण और योगदान के लिए डा. श्रीवास्तव को हाईपेज मीडिया के चीफ एग्जिक्यूटिव आफिसर गौरव गौतम से भी प्रमाण पत्र मिला है।
डा. श्रीवास्तव जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से कार्य कर रही हैं। इस दौरान उनकी ‘बायोइंफार्मेटिक्स इन केंसर इम्यूनोजेनेमिक्स’ शीर्षक पर लिखी थीसिस को ‘तौरीन पब्लिकेशन नई दिल्ली द्वारा पुस्तक प्रपत्र के रूप में भी प्रकाशित किया गया था। डा. श्रीवास्तव के 20 से अधिक शोध-पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महेन्द्र प्रसाद पाण्डेय ने उनकी उपलब्धि पर हर्ष जताया।