Corona fighters : मुरादाबाद की पहली संक्रमित युवती फ्रांस से दे रही जागरूकता का संदेश
फ्रांस से आई मारिशा शुक्ला में संक्रमण की हुई थी पुष्टि। बार पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर भी नहीं टूटा था युवती का हौसला। लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रहीं हैं।
मुरादाबाद,जेएनएन। कोरोना को हराना है, जी हां जिले की पहली संक्रमित युवती मारिशा शुक्ला का हौसला जिला अस्पताल में आइसोलेशन के दौरान भी नहीं टूटा। दो बार पॉजिटिव रिपोर्ट आई तो परिवार के लोग भले ही घबरा गए थे लेकिन, युवती ने सभी को समझाया। तीसरी रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। आइसोलेशन के दौरान उन्होंने दो वीडियो भी वायरल किए, जिससे कहा था कि संक्रमित मनोबल नहीं तोड़ें और वो पूरे हौसले के साथ कोरोना को मात दें।
15 मार्च को फ्रांस से मुरादाबाद पहुंची युवती को हलका बुखार आया तो परिवार के लोगों ने उनकी जांच करा दी। 19 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। जिला अस्पताल में उन्हें आइसोलेट कर दिया गया। इस दौरान उन्होंने तनाव लेने के बजाय खुदको व्यस्त रखा। दो अप्रैल को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अस्पताल से जाने के बाद उन्होंने मूंढापांडे में परिवार के लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में बताया। बेहतर खानपान, दो गज की शारीरिक दूरी और मास्क को जरूरी बताया। उन्होंने वीडियो क्लिप के माध्यम से परिवार के साथ कुनबे के लोगों को भी समझाया। गांव के लोग भी हालचाल पूछने आए तो दूर से ही बात की और उन्हें मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया। पढ़ाई की वजह से वो चार अप्रैल को फ्रांस चली गई। वहां से लगातार वीडियो क्लिप भेज रही हैं। उनका प्रयास है कि क्षेत्र और परिवार के लोगों के संपर्कियों को वे जागरूक कर सकें।
पौष्टिक आहार जरूरी
कोरोना को मात देने के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। सीजन की हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ ही दालों का सेवन करें। गुनगुना पानी खूब पीयें। विटामिन सी वाले फलों का सेवन करें।
योग से बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
मारिशा शुक्ला ने जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लगातार 17 दिन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग का सहारा लिया। रुटीन में वो एरोबिक करती हैं। उन्होंने अपनी दिनचर्या बदल दी। समय व्यतीत करने के लिए सोशल मीडिया और गाने सुने।
जिले की पहली संक्रमित युवती ने हौसले के साथ कोरोना को मात दी। आइसोलेशन के दौरान दो बार पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर हम लोगों को भी डर सा लगा था लेकिन, युवती ने हिम्मत नहीं हारी। तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल