Move to Jagran APP

बिना किताबों के पढ़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे

मुरादाबाद : सम्भल के चन्दौसी में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब तो जुलाई में ही कित

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 09:11 AM (IST)
बिना किताबों के पढ़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे
बिना किताबों के पढ़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे

मुरादाबाद : सम्भल के चन्दौसी में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब तो जुलाई में ही किताबें मिल पाएंगी जबकि शिक्षा सत्र एक अप्रैल से शुरू हो चुका है।

prime article banner

हालत यह है कि बच्चे पुरानी किताबों से पढ़ने पर मजबूर हैं। जिन बच्चों का नया पंजीकरण स्कूलों में हुआ है, वे बिना किताबों के ही स्कूल जा रहे हैं। गर्मियों की छुट्टी होने में सिर्फ 12 दिन शेष रह गए हैं।

सरकारी स्कूलों में दो लाख बच्चे अध्ययनरत

सम्भल जिले में करीब सवा दो लाख बच्चे परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। बेसिक शिक्षा विभाग सीबीएसई की तर्ज पर स्कूलों का संचालन करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। यह सब संसाधनों के अभाव का ही नतीजा है। यही कारण है कि अच्छी पढ़ाई की आस में अभिभावक सरकारी विद्यालयों से मुंह मोड़कर निजी स्कूलों में अपने बच्चों का प्रवेश कराने पर मजबूर हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में बच्चों को सुविधाएं तो निश्शुल्क मुहैया कराई जा रही हैं लेकिन लेटलतीफी के कारण सफल नहीं हो पा रही हैं। बात अगर कोर्स की करें तो बच्चों को पढऩे के लिए निश्शुल्क किताबें मुहैया कराई जाती हैं लेकिन सत्र शुरू हुए एक माह से ज्यादा बीत गया है लेकिन अभी तक बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई हैं। जिले के 1546 स्कूलों में करीब सवा दो लाख बच्चे अध्ययनरत हैंए जो पुरानी किताबों से पढ़ रहे हैं। नए पंजीकरण कराने वाले बच्चे तो बिना किताबों के ही स्कूल जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल में पढ़ाई होने नामुमकिन है।

शासन स्तर से भेजी जाती हैं किताबें

बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ. सत्यनारायण ने बताया कि किताबें शासन स्तर से ही भेजी जाती हैं। जिले को किताबें मिल जाएंगी तो बच्चों को मुहैया करा दी जाएंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.