कुपोषित प्रयासों से बच्चे नहीं हो सके सुपोषित। जानिए क्या है वजह। Moradabad News
41 अति कुपोषित और 143 बच्चे कुपोषित श्रेणी के मिले। आठ मार्च को सुपोषण मेला में 1369 बच्चों का हुआ था वजन।
मुरादाबाद,जेएनएन। कुपोषण मिटाकर बच्चों को सुपोषित करने के प्रयासों को झटका लगा है। जिले में अति कुपोषित (लाल) श्रेणी के 41 एवं कुपोषित (पीले) श्रेणी के 143 बच्चे मिले हैं। आठ मार्च को सु़पोषण मेला के अवसर पर 1369 बच्चों का वजन कराया गया था, इसमें अति कुपोषित और कुपोषित बच्चे मिले हैं। सर्वाधिक अति कुपोषित बच्चे डिलारी ब्लाक के हैं। वजन कराने वालों में मुरादाबाद शहर में अति कुपोषित और कुपोषित श्रेणी का बच्चा नहीं मिला है।
बच्चों को सुपोषित करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आठ से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसीक्रम में आठ मार्च को आरोग्य मेला में बच्चों का वजन एवं स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था। इसमें डिलारी ब्लाक में 33 अति कुपोषित बच्चे मिले हैं। भगतपुर टांडा में दो, बिलारी में दो, ठाकुरद्वारा में दो एवं मुरादाबाद देहात में एक बच्चा अति कुपोषित श्रेणी का मिला है। डींगरपुर, मूंढापांडे में भी अति कुपोषित श्रेणी में कोई बच्चा नहीं मिला है।
वर्जन
कुपोषण को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जन आरोग्य मेला में आने वाले बच्चों का वजन कराकर उनमें जो अति कुपोषित और कुपोषित मिल रहे हैं, उनको इलाज की सुविधा मुहैया करायी जा रही है, साथ ही उनके अभिभावकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने बच्चों को किस तरह से स्वस्थ रखें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर लोगों को पौष्टिक आहार के बारे में बता रही हैं, ताकि कुपोषण को मिटाया जा सके।
-डॉ. अनुपमा शांडिल्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी।