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अमरोहा के परिषदीय स्कूलों में जान जोखिम में डालकर बच्चे कर रहे पढ़ाई, भवन ठीक होने के बाद भी जानें क्यों बना है खतरा

Danger in Council Schools of Amroha अमरोहा जनपद में 101 परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की जिंदगी खतरे में हैं। बिजली विभाग ने इन विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजार दी है। एमएलसी परवेज अली ने मामले को विधान परिषद में उठाया था।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 05:40 PM (IST)
अमरोहा के परिषदीय स्कूलों में जान जोखिम में डालकर बच्चे कर रहे पढ़ाई, भवन ठीक होने के बाद भी जानें क्यों बना है खतरा
बिजली विभाग ने जनपद के 101 विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजार दी।

मुरादाबाद, जेएनएन। Danger in Council Schools of Amroha : अमरोहा जनपद में 101 परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की जिंदगी खतरे में हैं। बिजली विभाग ने इन विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजार दी है। एमएलसी परवेज अली ने मामले को विधान परिषद में उठाया तो दोनों विभागों के अफसरों में खींचतान मच गई। मसले को सुलझाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी बैठ गए। जिसमें एक विभाग ने दूसरी जगह लाइन शिफ्ट करने के लिए लाखों के बजट की आवश्यकता का रोना रोया तो दूसरे ने स्पष्ट कह दिया कि 26 विद्यालय लाइन के नीचे विभाग ने बनाए हैं। जिस पर सीडीओ ने बीएसए को निर्माण कराने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित कर दंडित करने के निर्देश दिए हैं।

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कुछ दिन पहले एमएलसी ने विधान परिषद में सवाल उठाया कि जिले में 101 परिषदीय विद्यालय हाईटेंशन लाइन के नीचे बने हैं। जिसकी वजह से हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। इन विद्यालयों से लाइन हटाई जाए और निर्माण कराने वालों पर कार्रवाई की जाए। इसका जवाब देने के लिए अधिकारी जुट गए हैं। सीडीओ चंद्रशेखर शुक्ला ने बिजली व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति जानी। पता चला कि 75 विद्यालयों के ऊपर से अधिकारियों ने बाद में लाइन खींची है। 26 ऐसे विद्यालय हैं जिनका निर्माण बिजली की हाईटेंशन लाइन के नीचे किया गया है। लाइन हटाने के सवाल पर बिजली अफसरों ने बताया कि अलग से स्टीमेट बनेगा और लाखों रुपया खर्च होगा।

इसलिए बिजली की लाइन अभी नहीं हटाई जा सकती है।बीएसए ने बताया कि 26 विद्यालय ही विभाग ने लाइन के नीचे बनाए हैं। जिस पर सीडीओ ने कहा कि जब पता था कि ऊपर लाइन खींची है तो नीचे स्कूल क्यों बनाए गए। इसके लिए अधिकारी व कर्मचारी, दोनों जिम्मेदार हैं।प्राथमिक विद्यालय शरफुद्दीनपुर के प्रधानाध्यापक श्रीनिवास पोसवाल ने बताया कि विद्यालय के ऊपर लाइन खींची है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कई बार शिकायतें दर्ज करा दी गई हैं किन्तु, उन पर कार्रवाई अफसरों द्वारा नहीं की गई है। यह विभाग की लापरवाही है।

उच्च प्राथमिक विद्यालय अव्वलपुर के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार का कहना है कि हर बार विद्यालय के ऊपर से गुजर रही बिजली लाइन हटाने से संबंधित सूचना विभाग मांगता है लेकिन, अभी तक उसको हटाया नहीं जा सका है। कई बार शिकायती पत्र भी दिए हैं मगर, सुनवाई नहीं हुई है। विभाग की गलती से ही यह सब हुआ है। प्राथमिक विद्यालय शरफुद्दीनपुर की शिक्षिका रिंकिन चौहान ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए बिजली की लाइन का हटना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होगा तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। अफसरों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।सीडीओ चंद्रशेखर शुक्ला का कहना है कि बिजली की लाइन के नीचे स्कूल का निर्माण नहीं कराना चाहिए था। जिनके द्वारा निर्माण कराया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है।


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