Child misdemeanor in Moradabad : बच्ची की आंखों में खौफ, अपनों को देखकर भी कांप रही, पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट मिलने का इंतजार
दरिंदगी की शिकार साढ़े पांच साल की बच्ची की आंखों में खौफ पसरा है। अंजान व अपरिचित ही नहीं बल्कि अपनों को देखकर भी वह कांप रही है। चिकित्सक उसका इलाज कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।
मुरादाबाद, जेएनएन। दरिंदगी की शिकार साढ़े पांच साल की बच्ची की आंखों में खौफ पसरा है। अंजान व अपरिचित ही नहीं बल्कि अपनों को देखकर भी वह कांप रही है। शारीरिक व मानसिक वेदना की शिकार बच्ची का उपचार करने में अस्पताल के चिकित्सक जुटे हैं। बहरहाल बच्ची गहरे सदमे में है।
बिलारी थाना क्षेत्र में भरी दोपहरी में चचेरे भाई द्वारा महज साढ़े पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने सबको झकझोर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने माना कि बच्ची की वेदना, घटनास्थल व आरोपित की स्वीकारोक्ति साफ संकेत हैं कि मासूम दरिंदगी की शिकार हुई है। किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले बिलारी पुलिस मेडिकल रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रही है। हालांकि आरोपित पुलिस कस्टडी में है। इसके बाद भी पीड़िता के स्वजन व ग्रामीणों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों के गुस्से को इस बात से भी समझा जा सकता है कि प्रकरण प्रकाश में आते ही उन्होंने आरोपित को बिजली के खंभे में बांध कर जमकर पीटा। इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पीड़िता के स्वजन व ग्रामीणों के बीच इस बात का गहरा मलाल है कि बच्चों संग वह लोग ही हैवानियत कर रहे हैं, जिन्हें मासूम मन अपना मानता है। बहरहाल अब सभी की नजर कानूनी कार्रवाई पर टिकी है। यह अलग बात है कि आरोपित नाबालिग है, लेकिन ग्रामीण उसे भी सख्त सजा दिलाने की पैरवी पुलिस से करते नजर आए।
बच्चों के साथ सबसे अधिक लैंगिंग अपराध वह लोग ही करते हैं, जिनसे मासूम घुले मिले होते हैं। पूर्व में कई ऐसी घटनाएं प्रकाश में आईं हैं, जहां बच्चों संग दुष्कर्म व कुकर्म की घटनाए उनके करीबियों ने की है। बिलारी की घटना उसकी ही एक कड़ी है। स्वजन को बच्चों व उनके आसपास रहने वालों पर पैनी नजर रखनी होगी। बाल मन को समझना होगा। उन्हें हालात से वाकिफ कराना होगा, तभी ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सकेगा।
अंजली महलके, बाल मनोविज्ञानी
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