चेतन चौहान की पत्नी संगीता का भाजपा से टिकट कटने के बाद सपा ने बदली रणनीति, जानें किसे बना सकती है उम्मीदवार
Sangeeta ticket cut changed strategy of SP भाजपा ने नौगावां सादात सीट पर विधायक संगीता चौहान का टिकट काटकर पूर्व सांसद देवेंद्र नागपाल को प्रत्याशी घोषित किया है। इस सीट पर सपा पहले जावेद आब्दी को मैदान में उतारने की तैयारी में थी।
अमरोहा, (अनिल अवस्थी)। Sangeeta ticket cut changed strategy of SP : भाजपा ने नौगावां सादात सीट पर विधायक संगीता चौहान का टिकट काटकर पूर्व सांसद देवेंद्र नागपाल को प्रत्याशी घोषित किया है। इस सीट पर सपा पहले जावेद आब्दी को मैदान में उतारने की तैयारी में थी मगर बदले घटनाक्रम के साथ उसकी रणनीति भी बदल गई है। अब सपा भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ पूर्व कैबिनेट मंत्री कमाल अख़्तर को मैदान में उतारने की तैयारी में है। इस बदलाव का असर हसनपुर सीट पर भी देखने को मिलेगा। वहीं लोग प्रत्याशियों के एलान के इंतजार में हैं।
टिकट वितरण में आगे रहने वाली सपा इस बार अभी तक अमरोहा की किसी सीट पर अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। इस बार वह प्रत्याशी चयन को लेकर भी काफी सतर्क नजर आ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की झोली से अमरोहा को छोड़कर तीनों सीटें खिसक गई थीं। इस बार वह इन पर दोबारा कब्जा करने की हर कोशिश में लगी है। भाजपा ने जहां धनौरा व हसनपुर सीट पर मौजूदा विधायकों पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा टिकट दिया है वहीं नौगावां विधायक संगीता चौहान का टिकट काट दिया है।
इस सीट पर सपा के जावेद आब्दी पिछले चुनाव के साथ ही उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी से शिकस्त खा चुके हैं। सपा तीसरी बार भी आब्दी पर दांव लगाने को तैयार थी। हाईकमान के इशारे पर आब्दी ने क्षेत्र में प्रचार भी शुरू कर दिया था। मगर भाजपा ने जैसे ही यहां से संगीता चौहान का टिकट काटा पार्टी प्रमुख ने अपना रुख बदल लिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो अब यहां से हसनपुर विधायक रह चुके कमाल अख्तर को मैदान में उतारा जाएगा। छात्र जीवन से राजनीति में उठापटक करने वाले कमाल अख्तर के पास लंबा सियासी अनुभव है।
नौगावां सादात विस क्षेत्र में 3.27 लाख मतदाता हैं। जिनमें लगभग 1.10 लाख मुस्लिम, 55 हजार अनुसूचित जाति, 35 हजार चौहान, 30 हजार जाट तथा लगभग 10 हजार गुर्जर समाज के मतदाता हैं। सपा का मानना है कि कमाल अख्तर मुस्लिम वोट पाने के साथ ही संगीता का टिकट कटने से नाराज चौहान बिरादरी का वोट पाने में कामयाब रहेंगे। इसी सियासी गणित में पार्टी को कमाल अख्तर शायद जावेद आब्दी से ज्यादा मजबूत नजर आ रहे हैं। सपा जिलाध्यक्ष निर्माेज यादव ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही प्रत्याशियों का एलान करेगी।
हालांकि भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र नागपाल वर्ष 2002 में हसनपुर विस क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीत कर विधायक व वर्ष 2009 में अमरोहा सांसद रह चुके हैं। इसलिए वह भी चुनाव में नये खिलाड़ी नहीं है। वहीं बसपा ने भी अभी इस सीट पर पत्ते नहीं खोले हैं।चंद्रपाल सैनी पत्नी जिला पंचायत सदस्य रही हैं जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पैरवी कर रहे हैं।
हसनपुर सीट के भी बदले समीकरणः हसनपुर से कमाल अख्तर अगर हटते हैं तो इस सीट के भी समीकरण बदल जाएंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो सपा इस सीट पर सैनी या गूजर समाज से प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इस सीट पर कुल 3.63 लाख मतदाता हैं। इनमें मुस्लिम लगभग 1.15, खड़गवंशी लगभग 95 हजार, गूजर लगभग 28 हजार, सैनी लगभग 24 हजार व जाटव लगभग 60 हजार मतदाता शामिल हैं। सपा का मानना है कि सैनी या गूजर समाज का प्रत्याशी उतारने की दशा में मुस्लिम के साथ ही अन्य वोट भी मिल जाएगा, जिससे सीट निकल सकती है। हालांकि बसपा यहां से गूजर समाज का प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।