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मुरादाबाद की बेटी के साथ चौधरी अजित सिंह ने लिए थे सात फेरे, शहर से रहा है गहरा नाता

अजित सिंह चुनाव के दौरान जब हेलीकाप्टर से मुरादाबाद आते थे तो ससुराल वालों का सीना चौड़ा हो जाता था।उन्‍होंने सियासी घराने में ही जन्म लिया। वह पढ़-लिखकर जैसे-जैसे जवानी की दहलीज पर कदम रखते गए पिता चौधरी चरण सिंह का सियासी कद बढ़ता गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 10:45 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 10:45 AM (IST)
मुरादाबाद की बेटी के साथ चौधरी अजित सिंह ने लिए थे सात फेरे, शहर से रहा है गहरा नाता
पिता के मुख्यमंत्री रहते धूमधाम से हुआ था राधिका से विवाह।

मुरादाबाद [मोहसिन पाशा]। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का मुरादाबाद से बहुत गहरा नाता था। मुरादाबाद के कुंवर जितेंद्र प्रताप सिंह के खानदान की बेटी राधिका सिंह के साथ उन्होंने अपने पिता के मुख्यमंत्री काल में सात फेरे ल‍िए थे। तीन साल पहले ही राधिका साथ छोड़ गईं। गुरुवार को चौधरी अजित सिंह ने भी दुनिया को अलव‍िदा कह द‍िया। वह अपने पीछे मुरादाबाद से जुड़ी बहुत सारी यादें छोड़ गए।

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अजित सिंह चुनाव के दौरान जब हेलीकाप्टर से मुरादाबाद आते थे तो ससुराल वालों का सीना चौड़ा हो जाता था।उन्‍होंने सियासी घराने में ही जन्म लिया। वह पढ़-लिखकर जैसे-जैसे जवानी की दहलीज पर कदम रखते गए पिता चौधरी चरण सिंह का सियासी कद बढ़ता गया। वर्ष 1967 में क‍िसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। उनके मुख्यमंत्री काल में ही अजित सिंह का विवाह कांठ क्षेत्र के फत्तेहपुर विश्नोई गांव के रहने वाले कुंवर सुखवीर सिंह की बेटी राधिका सिंह से हुआ था। राधिका के तहेरे भाई सुरेंद्र सिंह बताते हैं कि शादी के समय उनके चाचा सुखवीर सिंह सिंचाई विभाग, अलीगढ़ में अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत थे। राधिका सिंह की बरात वहीं आई थी। मुख्यमंत्री के बेटे की शादी थी। इसलिए देश-प्रदेश की बड़ी सियासी हस्तियां शादी में शामिल हुईं थीं। परिवार ने भी शादी का भव्य इंतजाम किया था। मुख्यमंत्री के परिवार से हमारा नाता जुड़ा था। इसलिए गर्व महसूस होता था। बाद में चौधरी चरण सिंह देश से प्रधानमंत्री बन गए। देशभर में आज भी उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है। शादी के बाद चौधरी अजित सिंह कई बार उनके घर आए। पिता की मृत्यु के बाद उनके जीवन बहुत व्यस्त हो गया। वर्ष 1989 में जनता दल (अजित) नई पार्टी बनाने के बाद अपने दम पर पिता की सियासी विरासत को संभाला। इसके उन्होंने पार्टी का नाम बदलकर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) कर दिया। विश्नोई समाज हमेशा उन्हें सहयोग करता रहा। उन्होंने किसानों को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया। चुनाव प्रचार में अजित सिंह जब भी मुरादाबाद आते थे, उनके यहां जरूर आना होना था। दिल्ली में भी वह मुरादाबाद के लोगों को बहुत सम्मान दिया करते थे।

पूर्व मंत्री हाजी अकबर हुसैन से था गहरा नाता था

वर्ष 1991 में चौधरी अजित सिंह जनता दल (अ ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। चौधरी अजित सिंह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में कृषि मंत्री थे। वह भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रसीद मसूद के साथ पूर्व मंत्री हाजी अकबर हुसैन के घर आए थे। हाजी अकबर उस समय उन्हीं की पार्टी से कुंदरकी के विधायक थे। पूर्व विधायक रिजवान उल हक से भी अजित सिंह की गहरी दोस्ती रही है। पूर्व मंत्री हाजी अकबर हुसैन का कहना है कि वह दो बार अजित सिंह के साथ विधायक रहे। उन्होंने चौधरी चरण सिंह के साथ सियासत शुरू की थी। बाद में अजित सिंह ने नई पार्टी बनाई तो उनके साथ हो गए। अजित सिंह बहुत सरल स्वभाव के नेता थे। किसानों की बहुत चिंता रहती थी। मुरादाबाद उस दौर में जनता दल का गढ़ हुआ करता था। अजित सिंह की मौत से देश ने एक किसान नेता खो दिया।

नौ अप्रैल को अंतिम बार आए थे मुरादाबाद

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह नौ अप्रैल 2018 को अंतिम बार मुरादाबाद आए थे। राष्ट्रीय लोकदल से जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी ने बताया कि दिल्ली से आने के बाद वह सीधे लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में रात को ठहरे थे। अगले दिन सुबह दस अप्रैल को उन्होंने जनसंवाद कार्यक्रम के तहत समाज के विभिन्न वर्गों से लोगों से मुलाकात करके उनकी समस्याएं जानी थीं। साथ ही सभी से पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया था।

अभिनव चौधरी के लिए की थी जनसभा

थाना पाकबड़ा क्षेत्र के युवा नेता अभिनव चौधरी 2007 में कांठ विधानसभा से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़े थे। रालोद नेता अजित सिंह उनके लिए कैलसा में जनसभा करने के लिए आए थे। अभिनव चौधरी ने बताया कि अजित सिंह चुनावी रैलियों में हमेशा आते रहे हैं। क्षेत्र के बहुत नेताओं को वह नाम से जानते थे। बहुत प्रेम से बात करते थे। परिवार में जन्म से ही उन्होंने किसानों को आते-जाते और पिता को सम्मान करते देखा था। किसानों का बहुत सम्मान करते थे।

हेलीकाप्टर से खुद आए थे पैरवी करने

जनता दल(अ) के टिकट पर हाजी गुलाम मुहम्मद चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल के भाई वीपी सिंघल चुनाव मैदान में थे। इस दौरान गुलाम मुहम्मद ने फोन करके प्रशासन की शिकायत अजित सिंह से कर दी थी। कहा था कि परिणाम गलत घोषित किया जा रहा है। इस पर अजित सिंह खुद हेलीकाप्टर से दिल्ली से मुरादाबाद पहुंचे थे। मतगणना के बाद गुलाम मुहम्मद की जीत हुई थी। गुलाम मुहम्‍मद ने 1991 में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उस वक्‍त सम्‍भल भी मुरादाबाद का ह‍िस्‍सा हुआ करता था। 


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