स्मार्ट क्लासों की हकीकत जानने के लिए गांवों में जाएंगे सीडीओ
Smart classes in schools डीएम ने सीडीओ से 30 स्कूलों को मौके पर जाकर जांच करने के लिए कहा है। सीडीओ ने बताया कि स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू की गई है। लेकिन वह पढ़ाई में स्मार्ट क्लास का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं यह देखा जाएगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। Smart classes in schools। कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू होने का दावा कितना सच है, इसकी हकीकत जानने के लिए मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन खुद गांवों में जाएंगे। कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद होने के कारण अभी तक वह किसी गांव में नहीं जा पाए हैं। लेकिन, शिक्षक तो स्कूल पहुंच ही रहे हैं। ऐसे में सीडीओ कुछ बच्चों को बुलाकर शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए इस योजना का सच परखेंगे।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 200 से अधिक प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में स्मार्ट क्लासें शुरू करने का दावा किया जा रहा है। केंद्र सरकारी की मदद से यह व्यवस्था की जा रही है। लेकिन, जमीनी हकीकत क्या है, यह भी देखना जरूरी है। सरकारी स्कूलों को दिए गए प्रोजेक्टर, लैपटॉप किस हाल में रखे गए हैं, उनका अब तक कितनी बार इस्तेमाल हुआ है। स्कूलों के बच्चे ही इस सच्चाई को बता पाएंगे। डीएम राकेश कुमार सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी को तीन स्कूलों की हकीकत जानने की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन, कोरोना की वजह से वह अभी तक किसी गांव नहीं जा सके हैं। सीडीओ ने बताया कि जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू की गई है। उनके शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। लेकिन, वह पढ़ाई में स्मार्ट क्लास का इस्तेमाल कर भी रहे हैं, या नहीं, यह भी देखना जरूरी है। इसलिए खुद ही गांव जाकर इसके बारे में पता करना है। यह भी देखना है कि स्कूलों में कायाकल्प के तहत अब तक कितना काम हुआ है। काम करने के दौरान गुणवत्ता नहीं मिलने पर जांच कराई जाएगी।