मुरादाबाद में फिर पहुंची सीबीआइ की टीम, हड़ताल के बीच खुलवाया बैंक, कर्मियों से ली जानकारी
टीम रिश्वत मामले में कुछ दलालों को पकड़ने आई थी। हालांकि फरार बताए जा रहे हैं। खास बात यह रही कि टीम ने कर्मियों के हड़ताल के बीच बैंक को खुलवाकर जांच-पड़ताल की। वहीं दोबारा से टीम के आने के कारण बैंक कर्मियों में खलबली मची रही।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। सीबीआइ (सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन) की टीम गुरुवार को फिर से मूंढापांडे ब्लाक में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की लालाटीकर शाखा में जांच के लिए पहुंची। टीम सुबह 11 बजे पहुंची थी, इसके बाद दोपहर तीन बजे के आसपास लौट गई। टीम के सदस्यों ने बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की, इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी खंगाले। टीम रिश्वत मामले में कुछ दलालों को पकड़ने आई थी। हालांकि वे फरार बताए जा रहे हैं। खास बात यह रही कि टीम ने कर्मियों के हड़ताल के बीच में ही बैंक को खुलवाकर जांच-पड़ताल की।
यह है पूरा मामला : टीम 30 नवंबर को भी आई थी। दरअसल सीबीआइ को शिकायत मिली थी कि ऋण स्वीकृति के नाम पर रिश्वतखोरी की जा रही है। किसी का भी ऋण बगैर दलालों के मंजूर नहीं हो रहा है। शिकायतों पर टीम ने शाखा पर छापा मारा था। सीबीआइ टीम ने शाखा से बैंक प्रबंधक गिरीश गंगवार को रिश्वत लेते पकड़ लिया था। प्रबंधक पर ऋण स्वीकृत कराने के नाम पर दलाली का आरोप था। सीबीआइ की अन्य टीमों ने शिकायतकर्ता और अन्य लोगों से जाकर पूछताछ की थी। उस दौरान टीम तीन गाडिय़ों से आई थी। सीबीआइ टीम वीरपुर वरियार गांव में एक किसान के पास भी पहुंची थी। टीम ने प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक मुख्यालय रामगंगा विहार में पहुंचकर शाखा प्रबंधक से जुड़े दस्तावेज एवं खाते की जानकारी ली थी।
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले : प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में रिश्वतखोरी के मामले में अफसर पहले भी सीबीआइ के रडार पर आ रह चुके हैं। सवा दो साल में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में रिश्वतखोरी के तीन मामले प्रकाश में आ चुके हैं। सबसे बड़ा मामला 16 अगस्त 2020 को सामने आया था। तत्कालीन महाप्रबंधक रविकांत को सीबीआइ ने 50 हजार रुपये रिश्वत और एलईडी टीवी के साथ पकड़ा था। तब शाम करीब पांच बजे गाजियाबाद से आई सीबीआइ टीम ने प्रथमा ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक रविकांत के घर व प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक मुख्यालय पर छापा मारा था।