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मुरादाबाद में हाउसिंग सोसायटी विवाद में पार्टनर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सीओ सिविल लाइंस अपर पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि दोनों पक्षों के अलग-अलग आरोप थे। अनिल तोमर के खिलाफ मुकदमा लिखकर जांच की जा रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 11:50 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 11:50 AM (IST)
मुरादाबाद में हाउसिंग सोसायटी विवाद में पार्टनर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मुरादाबाद में हाउसिंग सोसायटी विवाद में पार्टनर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मुरादाबाद, जेएनएन। थाना मझोला में ठाकुरद्वारा के पूर्व विधायक विजय सिंह यादव द्वारा दिल्ली रोड में बनाई गई हाउसिंग सोसायटी के पार्टनर अनिल तोमर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि उन्होंने कंपनी के साथ धोखाधड़ी और अमानत में ख्यानत की है। अनिल तोमर ने भी पूर्व विधायक समेत चार लोगों के खिलाफ 10 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में अदालत में परिवाद दर्ज करा चुके हैं।

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ठाकुरद्वारा के ग्राम सरकड़ा करीम निवासी पूर्व विधायक विजय सिंह यादव की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया है। पूर्व विधायक का कहना है कि वह मैसर्स स्वदेशी कंस्ट्रेक्शन कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि हैं। कंपनी ने थाना मझोला क्षेत्र के लाकड़ी फाजलपुर स्थित भूमि पर 26 नवंबर 2011 को एक आवासीय कालोनी बनाकर व्यवसाय करने के लिए साझेदार कंपनी इलेविन ऑर्चिड की स्थापना की थी। 18 करोड़ रुपये इलेविन ऑर्चिड कंपनी ने भारत कंस्ट्रेक्शन कंपनी के स्वामी अनिल तोमर को दिए था। लेकिन उन्होंने कुछ समय के बाद हमारी जानकारी के बिना आवास विक्रय किए, बैंक में खाता खोल लिया। उन्होंने कंपनी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हमारे प्रतिनिधि हिसाब मांगने जाते हैं तो उन्हें जान से मारने की और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं। पिछले पांच साल से हमारी कंपनी के नाम से पांच हजार रुपये प्रति आवास लेते हैं। मांगने पर प्रार्थी का रुपया देने से इन्कार कर दिया। इसी के चलते विवाद हुआ था। 

पूर्व विधायक समेत चार पर दर्ज है परिवाद

इलेविन ऑर्चिड हाउसिंग कंपनी के पार्टनगर अनिल तोमर ने भी पूर्व विधायक विजय ङ्क्षसह यादव, जितेंद्र उर्फ बिल्लू, हरिओम शर्मा और पूर्व सांसद डीपी यादव के बेटे कुनाल यादव निवासी न्यू राजनगर, गाजियाबाद के खिलाफ धोखाधड़ी और दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने आदि के गंभीर आरोपों में अदालत में परिवाद दर्ज कराया है। यह परिवाद 21 जुलाई को दर्ज हुआ है। अनिल तोमर का कहना है कि पूर्व विधायक और उनके साथी फर्जी कागजात तैयार करके अवैध रूप से उनकी फर्म में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2015 में अन्य पार्टनर अपना लाभ लेकर उनके पक्ष में शेष संपत्ति की विक्रय की अथरिटी देकर अलग हो गए थे। उन्होंने सभी आइजी, एसएसपी को भी प्रार्थना पत्र दिया था। पूर्व विधायक विजय यादव का कंपनी से कोई लेनादेना नहीं है। उन्हीं के राजनीतिक प्रभाव की वजह से उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 


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