Budget 2021 Expectations : चीन से मुकाबले के लिए मुरादाबाद के निर्यातक तैयार, मांगों के पूरा होने का इंतजार
Budget 2021 Expectations मुरादाबाद हर साल सात हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई और सारी औद्योगिक गतिविधियां थम गईं तो मुरादाबाद की निर्यात इंडस्ट्री के सामने भी दोहरा संकट खड़ा हो गया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। आम बजट आने वाला है। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था तो बिगड़ी ही साथ ही आम आदमी के साथ उद्यमियों की भी हालत खराब हो गई। इसके चलते बजट से हर वर्ग को उम्मीद है। मुरादाबाद के निर्यातक भी सरकार से अनेक उम्मीद लगा रहे हैं, उन्हें भी रियायत मिलेगी तो कारोबार भी बढ़ेगा। इससे निर्यातकों के साथ ही देश को भी फायदा होगा। इनमें अधिकांश मांगे पुरानी हैं, जो हर साल उठाई जाती हैं पर उन पर विचार नहीं होता है।
पिछले साल भी सरकार की ओर से की गई भारत वस्तु निर्यात योजना (एमईआइएस) घोषणा पूरी नहीं हो पाई। इसके चलते निर्यातकों को मिलने वाला इंसेटिव नहीं मिला। इस बार उसे समय से समय से देने के साथ ही उसे दोगुना करने की मांग कर रहे हैं। मुरादाबाद हर साल सात हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई और सारी औद्योगिक गतिविधियां थम गईं तो मुरादाबाद की निर्यात इंडस्ट्री के सामने भी दोहरा संकट खड़ा हो गया था। लेकिन, लॉकडाउन खुलने के साथ ही परिस्थितियां जैसी लग रही थीं, वैसी नहीं रहीं। चाइना के वैश्विक विरोध ने भारत के लिए नए रास्ते खोले, खासकर हस्तशिल्प निर्यात क्षेत्र में। इसके चलते मुरादाबाद के निर्यातकों को भी खूब काम मिला। ऐसे में निर्यातकों को भी भविष्य में हस्तशिल्प निर्यात इंडस्ट्री के तेजी से आगे बढ़ने की संभावना दिखाई दे रही है। ऐसे में निर्यातकों को उम्मीद है कि सरकार इसे ध्यान में रखते हुए निर्यातकों के लिए अच्छी स्कीम लेकर आएगी, साथ ही हस्तशिल्प निर्यात के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास करने के लिए योजना तैयार करेगी, जिससे यह तेजी से आगे बढ़े।
निर्यातकों के सामने कई मुद्दे हैं, इनमें सरकार निर्यातकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज में कमी करे, इसके साथ ही फेयर सब्सिडी बढ़ाने, ड्राई पोर्ट तक कंटेनर सब्सिडी केंद्र की ओर मिलने और आधुनिक मशीनों के आयात पर छूट दिए जाने की मांग प्रमुख है।
कमल सोनी, उपाध्यक्ष, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स
निर्यातकों को आयकर में छूट देने के साथ ही पिछले साल घोषित एमईआइएस का भुगतान और इसी सीमा दो करोड़ रुपये से हटाई जानी चाहिए। पहले की तरह जिसका जितना निर्यात है, उसी आधार पर योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।
अवधेश अग्रवाल, महासचिव मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन