बसपा को रास आया इस राजनीतिक पार्टी का गढ, पूर्व जिपं अध्धक्ष समेत पांच जीते
औद्योगिक नगरी गजरौला को ही भाजपा का गढ़ माना जाता है। इसी क्षेत्र में पार्टी के दो विधायकों एक पूर्व विधायक और दो पूर्व सांसद के आवास भी हैं। इसके बाद भी बसपा ने यहां जिला पंचायत की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार जिताकर चुनौती पेश की है।
मुरादाबाद, जेएनएन। औद्योगिक नगरी गजरौला को ही भाजपा का गढ़ माना जाता है। इसी क्षेत्र में पार्टी के दो विधायकों, एक पूर्व विधायक और दो पूर्व सांसद के आवास भी हैं। इसके बाद भी बसपा ने यहां जिला पंचायत की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार जिताकर सत्तारूढ दल के सामने चुनौती पेश की है। इन वार्डों से बसपा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कमलेश आर्य व एक पूर्व अध्यक्ष की पूत्रवधू समेत चार प्रत्याशी निर्वाचित हुए हैं।
जिला पंचायत के वार्ड नौ से कमलेश आर्य सदस्य निर्वावित हुई हैं। वह जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ गजरौला ब्लाक की प्रमुख भी बसपा से ही रहीं हैं। जिला पंचायत की एक अन्य पूर्व अध्यक्ष इंद्रवती देवी की पुत्रवधू मीनाक्षी चौधरी वार्ड 11 से सदस्या निर्वाचित हुई है। उनसे पहले यह सीट भाजपा के पास थी।
निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता चौधरी के पति व भाजपा नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह वार्ड दस से उम्मीदवार थे। वह भी कड़े मुकाबले में चूक गए। यहां से भी बसपा समर्थित डा सोरन सिंह जीते हैं। इसी तरह वार्ड 12 से धर्मपाल खडगवंशी और 13 से अनीर्सुरहमान विजयी हुए हैं। यह वार्ड भी बसपा ने क्रमश सपा व भाजपा से कब्जाए हैं।
नवविर्चाचित कमलेश आर्य व मीनाक्षी चौधरी के विजयी होने पर मंगलवार की शाम उनके समर्थकाें ने कैंप कार्यालय पर पहुंचकर स्वागत किया और जीत पर खुशी जताई। इस दौरान हेम सिंह आर्य, रावेश चौधरी, चौधरी निरंजन सिंह, चौधरी बलवीर सिंह, इंद्रवती देवी, देवेंद्र सिंह गुडडू इत्यादि मौजूद रहे। उधर भाजपा खेमे में सन्नाटा छाया रहा। वह हार का मंथन करने में लगे रहे।