बसपा जिलाध्यक्ष बोले-मैंने अपने वाहन से हटा दिया स्टीकर, अब पुलिस भाजपा नेताओं से भी करवाए कानून का पालन
मंडल के रामपुर में वाहन चेकिंग को लेकर पुलिस के खिलाफ बसपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सागर ने मोर्चा खोल दिया है। पुलिस की चेकिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस को सलाह दी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए निष्पक्ष रूप से काम करें।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मंडल के रामपुर में वाहन चेकिंग को लेकर पुलिस के खिलाफ बसपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सागर ने मोर्चा खोल दिया है। पुलिस की चेकिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस को सलाह दी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए निष्पक्ष रूप से काम करें।
बसपा जिलाध्यक्ष के वाहन को गुरुवार को पुलिस ने चेकिंग के दौरान रोक लिया था। तब एसपी शगुन गौतम भी वहां मौजूद थे। उनकी गाड़ी पर बसपा का झंडा लगा था और दर्जा मंत्री का स्टीकर चिपका था। एसपी ने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए हटाने को कहा था और दोबारा दिखाई देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इस पर बसपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि जिले में पुलिस वाहन चेकिंग के दौरान भेदभाव कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है किसी भी वाहन पर पदनाम की प्लेट नहीं होनी चाहिए। लेकिन, जिले में सत्ताधारी पक्ष के नेता अपनी गाड़ियों पर पदनाम की प्लेट लगाकर घूम रहे हैं। अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के वाहनों पर भी पदनाम की प्लेट लगी है। जिले के अधिकारियों द्वारा भी पदनाम की प्लेट लगाई जा रही है। अगर पुलिस अधीक्षक को न्यायालय के आदेश का पालन ही कराना है तो बगैर किसी भेदभाव के सभी के वाहनों से स्पीकर व नेम प्लेट हटवाएं। तब पुलिस की लोकप्रियता ज्यादा होगी। परंतु ऐसा ना करके भेदभाव अपनाते हुए किसी एक दल या व्यक्ति विशेष को सामाजिक तौर पर उत्पीड़न किया जा रहा है, जो अनुचित है। चेकिंग के दौरान मेरी गाड़ी को रोककर स्टीकर हटाने के लिए कहा गया है। मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अपनी गाड़ी का स्टीकर हटा दिया है। अब मेरा पुलिस अधीक्षक से आग्रह है कि निष्पक्षता दिखाते हुए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी, समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी व जिले के अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी के वाहनों पर भी पद नाम की प्लेटें हटवाई जाएं। यदि ऐसा नहीं होता है तो मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए मजबूरन हाईकोर्ट जाऊंंगा। बसपा जिलाध्यक्ष ने इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री समेत डीआइजी मुरादाबाद, एडीजी बरेली, डीजीपी लखनऊ, सचिव गृह विभाग लखनऊ, प्रमुख सचिव लखनऊ को भी भेजी है।
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