बिजली जाते ही मुरादाबाद में बंद हो जाती है बीएसएनएल की सेवा, जनरेटर के लिए नहीं मिल रहा बजट
Moradabad BSNL Services जिले में बीएसएनएल सेवा पूरी तरह बिजली आपूर्ति पर निर्भर है। बिजली के जाते ही इंटरनेट समेत सभी सेवाएं पूरी तरह ठप हो जाती हैं इससे जिलेभर के उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। जिले में आपकी या सरकार की मर्जी से डिजिटल इंडिया नहीं चलता है, बल्कि बिजली की मर्जी पर चलती है। बिजली गुल हो जाते ही मुरादाबाद टेलीफोन जिले (मुरादाबाद, अमरोहा,सम्भल जिला) की संचार सेवा ठप हो जाती है और देश दुनिया से उपभोक्ता कट जाता है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बीएसएनएल ने जनरेटर चलाने के लिए बजट देना बंद कर दिया है।
मुरादाबाद टेलीफोन जिले में 74 टेलीफोन एक्सचेंज हैंं। इनके द्वारा दस हजार टेलीफोन, दस हजार ब्राडबैंड उपभोक्ता जुड़े हुए हैं। जिले में 230 मोबाइल टावर लगे हुए हैं। इसके द्वारा पांच लाख मोबाइल उपभोक्ताओं को नेटवर्क मिलता है। सभी टेलीफोन एक्सचेंज में बिजली के कनेक्शन लगे हुए हैं। बिजली जाने पर बैकअप देने के लिए बैट्री के साथ जनरेटर लगे हुए हैं। बिजली जाने पर जनरेटर चलाने के लिए प्रत्येक माह पचास लाख रुपये डीजल की आवश्यकता होती है।
बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति खराब होने से मुरादाबाद मुख्य टेलीफोन एक्सचेंज को बिजली जाने पर जनरेटर चलाने के लिए प्रत्येक माह एक लाख रुपये से भी कम का बजट दिया जा रहा है। जिले के अन्य टेलीफोन एक्सचेंजों व मोबाइल टावर को जनरेटर चलाने के लिए बजट नहीं दिया जा रहा है। अधिकांश एक्सचेंजों व मोबाइल टावर की बैट्री काफी पुरानी है। बिजली जाने पर बैट्री से आधे घंटे से भी कम का बैकअप मिलता है। इसके बाद सभी टेलीफोन एक्सचेंज व मोबाइल टावर बंद हो जाते हैं। इससे मोबाइल का नेटवर्क गायब हो जाता है, टेलीफोन, इंटरनेट भी काम करना बंद कर देता है।
पावर कारपोरेशन दावा करती है कि जिले में 24 घंटे में औसत 16 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है है। यानी प्रत्येक दिन आठ घंटे संचार सेवा बंद हो जाती है। सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को सरकार ने बीएसएनएल का मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध कराया है, जिससे जिले भर की जनता कभी भी अधिकारियों व कर्मियों से संपर्क कर समस्या बता सकती है। बिजली गुल होने के बाद लोग सरकारी अधिकारियों और कर्मियों से संपर्क नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा सभी आफिस में इंटरनेट की सुविधा भी बीएसएनएल द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। सरकारी अव्यवस्था के कारण जिले में डिजिटल इंडिया ठीक नहीं चल रहा है।
उप महाप्रबंधक बीके शर्मा ने बताया कि मुख्य टेलीफोन एक्सचेंज को छोड़कर जिले के अन्य टेलीफोन एक्सचेंजों व मोबाइल टावर में लगे जनरेटर चलाने के लिए कोई बजट नहीं मिल रहा है। बिजली जाने पर संचार सेवा ठप हो जाती है।