शादी के बाद दुल्हन का बड़ा फैसला, कहा-पति हिस्ट्रीशीटर है, मैं ससुराल नहीं जाऊंगी, लौटा दिए उपहार
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत परिणय सूत्र में बंधे जोड़े के जीवन में चंद दिनों में ही अलगाव आ गया। दरअसल दुल्हन पति की सच्चाई के बारे में नहीं जानती थी लेकिन जब उसे पता चला तो उसने चौंकाने वाला कदम उठा लिया।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। पति का चाल-चलन देख दुल्हन ने ससुराल जाने से इन्कार कर दिया। स्वजन व ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन युवती अपनी जिद पर अड़ी रही। शादी के दो दिन बाद पालिका के ईओ के पास पहुंची युवती ने उपहार में मिले गहने और कपड़े भी वापस कर दिए। शादी 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में कराई गई थी। शहर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
अमरोहा के एक मुहल्ला निवासी बुजुर्ग की तीन बेटियां हैं। इनमें से दो की शादी हो चुकी है। तीसरी बेटी का रिश्ता उसके बहनोई ने डाक बंगला निवासी एक युवक के साथ तय कर दिया था। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में शादी कराने के लिए नगर पलिका अमरोहा में आवेदन किया गया था। 11 दिसंबर को मिनी स्टेडियम में सामूहिक विवाह समारोह में दोनों की शादी हो गई। बतौर उपहार के रूप में गहने, बर्तन, कपड़े दिए गए थे। इसी बीच दुल्हन को किसी से भनक लग गई कि उसका पति हिस्ट्रीशीटर है। इस पर दुल्हन ने ससुराल जाने से इन्कार कर दिया। स्वजन व ससुराल वालों ने दुल्हन को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन नहीं मानी। दुल्हन उपहार में दिए गए सामान के साथ 13 दिसंबर को नगर पालिका कार्यालय पहुंच गई और ईओ ब्रजेश कुमार को सामान वापस कर दिया। कहा, पति हिस्ट्रीशीटर है, इसलिए मैं ससुराल नहीं गई।
35 हजार रुपये भी नहीं मिलेंगे : ईओ ब्रजेश कुमार ने बताया कि पालिका की तरफ से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 42 जोड़ों की शादी कराई थी, जिसमें सभी को उपहार में गहने, कपड़े, बर्तन दिए थे। साथ ही दुल्हनों के खातों में 35-35 हजार रुपये के चेक भेजे जा रहे हैं। अब एक दुल्हन ने पति के घर जाने से ही मना कर दिया है। इसलिए उसके खाते में 35 हजार रुपये की राशि नहीं भेजी जाएगी।