हवाई पट्टी निर्माण में मिट्टी भरने में गोलमाल Moradabad News
शासन ने दिए जिलाधिकारी को जांच के आदेश। हवाई पट्टी में निर्माण कार्य को देखने पहुंचे जिलाधिकारी।
मुरादाबाद,जेएनएन। मंूढापांडे हवाई पट्टी में उड़ान सेवा शुरू होने से पहले ही मिट्टी भराई में गड़बड़ी पकड़ी गई है। शासन ने तीन करोड़ रुपये के बजट से केवल मिट्टी भरने के कार्य पर आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को जांच करने के निर्देश दिए हैं। शासन के निर्देश के बाद स्वयं जिलाधिकारी ने मौके का निरीक्षण करने के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा है। वहीं कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों ने किसी भी गड़बड़ी से इन्कार किया है।
दो वर्ष मूंढापांडे हवाई पट्टी का विस्तार करने के लिए 14 करोड़ रुपये की धनराशि शासन से भेजी गई थी। लेकिन बजट में मिट्टी से जुड़े कार्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। लेकिन जब कार्य अंतिम चरण में चल रहा है कि तो राजकीय निर्माण निगम के इंजीनियरों ने मिट्टी भराई के कार्य के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये अतिरिक्त भुगतान करने की मांग की है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक सुरेन्द्र सिंह ने आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए थे। निदेशक ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा था कि हवाई पट्टी की जो डीपीआर स्वीकृति हुई थी,उसमें मिट्टी भराई के कार्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। लेकिन आखिरी में बिना बताए इस कार्य को स्वीकृत कराने के लिए बजट का मांग पत्र भेजा गया है,वह नियम विरूद्ध है। इस मामले में जिलाधिकारी ने मौके का निरीक्षण करने के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता लक्ष्मी नारायण को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को जिलाधिकारी ने हवाई पट्टी का निरीक्षण करने के साथ ही जांच अधिकारियों से आगामी सात दिनों में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
निर्माण कार्य की बढ़ी लागत
हवाई पट्टी में निर्माण कार्य कराने के लिए शासन ने 14 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था,लेकिन करीब दो साल बाद यह बजट बढ़कर 22 करोड़ रुपये पहुंच गया था। कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के द्वारा तय समय पर कार्य पूरा न होने के कारण भी बजट में इजाफा हुआ है।
वर्जन
शासन स्तर पर जो डीपीआर स्वीकृत हुई थी,उसमें मिट्टी भरने के कार्य का कोई जिक्र नहीं किया गया था,लेकिन अब मिट्टी भरने के कार्य के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग कार्यदायी संस्था के द्वारा की गई है। जिसको लेकर शासन स्तर पर आपत्ति के बाद जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही गड़बड़ी के बारे में सही जानकारी मिलेगी।
लक्ष्मीशंकर सिंह,एडीएम प्रशासन
हवाई पट्टी पर मिट्टी भराई का कार्य किया गया है,उसके बजट स्वीकृत शासन से होता है। डीपीआर में इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। जांच के बाद ही बजट को मंजूरी मिलती है,इसमें किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है।
राकेश बाबू,परियोजना निदेशक,राजकीय निर्माण निगम,