हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा के लिए मंथन, नई तकनीक अपनाने पर जोर
केंद्रीय क्षेत्रीय समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश से हस्तशिल्प निर्यात बढ़ोतरी के लिए रोडमैप पर चर्चा। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने क्षेत्रीय समिति के निर्माण के उद्देश्य को और समिति से अपेक्षाओं को भी सामने रखा।
मुरादाबाद, जेएनएन। ईपीसीएच केंद्रीय क्षेत्रीय समिति की पहली बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई। इसमें हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रस्तावों पर चर्चा हुई। बैठक में ईपीसीएच केंद्रीय क्षेत्रीय समिति के समन्वयक अवधेश अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा के साथ बैठक की शुरुआत की।
केंद्रीय क्षेत्रीय समिति के संयोजक एवं सीओए सदस्य नबील अहमद ने सभी सदस्यों का स्वागत किया। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने क्षेत्रीय समिति के निर्माण के उद्देश्य को और समिति से अपेक्षाओं को भी सामने रखा, ताकि उत्तर प्रदेश राज्य से हस्तशिल्प का निर्यात बढ़ाया जा सके। बैठक के दौरान प्रदूषण और अग्निशमन विभाग के मानदंड और प्रक्रियाएं, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) द्वारा फैक्टरी मानचित्रों का नियमितीकरण, अग्रेषण और शिपिंग लाइनों द्वारा उच्च शुल्क, एफआरआइ और राज्य वन विभाग के साथ क्षेत्र द्वारा उपयोग के लिए लकड़ी की वैकल्पिक किस्मों की पहचान, निर्यातकों के लिए कंटेनरों की अनुपलब्धता, ईसीजीसी दावों के निपटान में देरी, कंटेनर मालभाड़ा सब्सिडी का गैर-प्रावधान, फिरोजाबाद हस्तशिल्प क्लस्टर में सीएफ़सी की आवश्यकता, बिजली की महंगी दर, उत्तर प्रदेश के निर्यातकों लिए ओडीओपी योजनाओं के लाभों का अधिकतमकरण, अलीगढ़ निर्यातकों के लिए औद्योगिक भूमि की आवश्यकता, कारीगरों को कौशल और डिजाइन सहायता प्रदान करना, हस्तशिल्प क्षेत्र में निर्यातकों द्वारा पेश की जाने वाली नई और नवीनतम तकनीकों की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कार्य करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें ईपीसीसच के चेयरमैन रवि पासी, राज कुमार मल्होत्रा, कमल सोनी, उपाध्यक्ष ईपीसीएच, आरके वर्मा सहित कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे।