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दस्तावेज चोरी कराने वालों को दे दिया बोनस-इंक्रीमेंट का लाभ, जानिए क्या है पूरा मामला

कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार से खाता संख्या-124 के पन्ने गायब करने वाले नकल नवीसों के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा। एक साल के बाद भी पुलिस ने फराज और रईस से नहीं की कोई पूछताछ।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 09:05 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:05 AM (IST)
दस्तावेज चोरी कराने वालों को दे दिया बोनस-इंक्रीमेंट का लाभ, जानिए क्या है पूरा मामला
दस्तावेज चोरी कराने वालों को दे दिया बोनस-इंक्रीमेंट का लाभ, जानिए क्या है पूरा मामला

मुरादाबाद, जेएनएन। अभिलेखागार में सरकारी कागजों से छेड़छाड़ करने के साथ ही उन्हें फाडऩे की घटना आजकल आम हो गई है। लेकिन कलेक्ट्रेट में ऐसा काम करने वाले आरोपितों को इंक्रीमेंट और बोनस देकर उपकृत किया जाता है। जिले में विवादित जमीन से जुड़े लगभग हर मामले में यह बात सामने आ रही है। सीङ्क्षलग भूमि के साथ ही ग्राम समाज की भूमि में जनपद में जमकर बंदरबांट हुआ है। भू-माफियों केसाथ ही अफसर और कर्मचारियों ने मिलकर ऐसे कारनामों को अंदाज दिया है। शायद इसी के चलते इन मामलों के आरोपितों पर साल बीत जाने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है।

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सदर तहसील में दिल्ली रोड स्थित एक सोसायटी की जमीनी दस्तावेज गायब होने का मामला पकड़ में आया है। इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर गोपनीय जांच की जा रही है। वहीं एक साल पहले भी मार्च 2019 में भी अभिलेखागार से शत्रु संपत्ति के दस्तावेजों की फाइलें गायब करने के साथ ही खाता-खसरा नंबरों के पन्ने फाड़ दिए गए थे। मामले की जानकारी होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में पता चला कि कृषि भूमि के खाता संख्या-124 और 177 के पन्नों को गायब कर दिया गया था। इस मामले में कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में कार्यरत नकल नवीस फराज और रईस अहमद के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की,लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों आरोपितों पर कार्रवाई करने की जगह तीन फीसद इंक्रीमेंट के साथ ही चार हजार रुपये का बोनस प्रदान कर दिया। जबकि नियमानुसार किसी भी आरोपित कर्मचारी को यह लाभ तब तक नहीं दिया जा सकता है,जब तक जांच में उसे निर्दोष न पाया गया हो।

जांच और कार्रवाई करने का काम पुलिस का है। मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। आरोपितों को बोनस और इंक्रीमेंट कैसे दिया गया है,इस बात की जानकारी करके नियमानुसार कार्रवाई तय की जाएगी।

लक्ष्मीशंकर सिंह ,एडीएम प्रशासन


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