Black Fungus : आपके आसपास मंडरा रहा ब्लैक फंगस, प्रतिरोधक क्षमता कम होते ही कर देगा अटैक
ब्लैक फंगस वायरस है जो कोरोना महामारी के पहले से ही आसपास मौजूद है। एल टू अस्पताल में कोरोना रोगियों का इलाज करने वाले वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रवीन शाह का कहना है कि ब्लैक फंगस वायरस हर जगह है।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। ब्लैक फंगस पहले से ही आपके आसपास है। जब तक आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता है, तब तक वह आपसे दूरी बनाए रखेगा। प्रतिरोधक क्षमता कम होते ही चेहरा, नाक, आंख पर हमला कर देगा। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तत्काल प्रयास करने की जरूरत है।
प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद मंडल के ब्लैक फंगस से पीड़ित रोगियों को निश्शुल्क उपचार की मेरठ मेडिकल कालेज में व्यवस्था की है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद इन दिनों ब्लैक फंगस की खूब चर्चा हो रही है और लोग डरे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में ब्लैंक फंगस से पीड़ित मरीज की संख्या दो है, इन्हें उपचार के लिए एंबुलेंस द्वारा मेरठ मेडिकल कालेज भेजा गया है। प्राइवेट अस्पताल में कई ब्लैंक फंगस के संदिग्ध रोगी पाए गए हैं, जो प्राइवेट अस्पताल इलाज कराने गए हैं। ब्लैक फंगस वायरस है जो कोरोना महामारी के पहले से ही आसपास मौजूद है। एल टू अस्पताल में कोरोना रोगियों का इलाज करने वाले वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रवीन शाह का कहना है कि ब्लैक फंगस वायरस हर जगह है। जिस व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोध क्षमता कम होती है, ब्लैक फंगस उसे संक्रमित करता है। ब्लैक फंगस आंख या नाक पर सबसे अधिक अटैक करता है। तत्काल इलाज नहीं कराने पर आंख या नाक के माध्यम से दिमाग के अंदर चला जाता है। इसके प्रमुख लक्षणों में व्यक्ति की आंख व चेहरे पर सूजन आ जाती है। बुखार के साथ सिर दर्द रहता है। अभी तक देश में जितने भी ब्लैक फंगस से पीड़ित व्यक्ति पाए गए हैं, उसमे 80 फीसद व्यक्ति 15 से 20 दिन पहले कोरोना संक्रमित रहे थे। कुछ कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे बढ़ती है, तब तक ब्लैक फंगस जकड़ लेता है। दस फीसद व्यक्ति वैसे पाए गए हैं, जिनको कोरोना नहीं हुआ है। डा. शाह बताते हैं कि ब्लैक फंगस शरीर के जिस हिस्से पर अटैक करता है, उसे काटकर बाहर निकालना पड़ता है। क्योंकि ब्लैक फंगस उस क्षेत्र के टिशू को नष्ट कर देता है। ब्लैक फंगस के रंग भी अलग-अलग हो सकते हैं। इसका इलाज काफी महंगा होता है। प्रदेश सरकार ने इसलिए सरकारी मेडिकल कालेज में फ्री इलाज कराने की व्यवस्था की है। मुरादाबाद क्षेत्र में ब्लैक फंगस से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कालेज भेजा जाता है।
इन्हें हो सकता है ब्लैक फंगस
कोरोना के इलाज के दौरान अधिक स्टेरॉयड दवा का सेवन करने पर, कोरोना के इलाज के दौरान आक्सीजन पर या आइसीयू में अधिक समय तक रहने वाले रोगियों को, अनियंत्रित शुगर वाले रोगियों को, कैंसर व किडनी ट्रांसप्लांट वाले रोगियों को।
ब्लैक फंगस के लक्षण
बुखार, सिर दर्द, सांस फूलना, नाम बंद, नाक से खून आना, आंख में दर्द, आंख फूल जाना, एक चीज दो-दो दिखाई देना, दिखाई नहीं देना, चेहरे में एक तरफ दर्द, सूजन या सुन्न होना, दांत में दर्द, दांत हिलना, चबाने पर दर्द होना, उल्टी या खांसने पर बलगम के साथ खून आना।
इलाज
ब्लैक फंगस के कोई लक्षण होने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक दिखाएं। नाक-कान-गले, आंख मेडिसन, चेस्ट या सर्जन से इलाज कराएंं।
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