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मुरादाबाद में एक हजार बीघे में विकसित होगा बॉयोडायवर्सिटी पार्क

BioDiversity Park in Moradabad अवैध अतिक्रमण से कांठ तहसील में कब्जा मुक्त जमीन पर पार्क विकसित करने की बनी योजना। वन विभाग के अफसरों को प्रस्ताव करने के दिए गए निर्देश।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 12:30 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 12:30 PM (IST)
मुरादाबाद में एक हजार बीघे में विकसित होगा बॉयोडायवर्सिटी पार्क
मुरादाबाद में एक हजार बीघे में विकसित होगा बॉयोडायवर्सिटी पार्क

मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। राज्य सरकार ग्राम समाज की भूमि को कब्जा मुक्त करने के लिए बीते तीन सालों से अभियान चला रही है। इसके तहत कांठ तहसील में ग्राम समाज की एक हजार बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया था। इस भूमि पर दोबारा कब्जा न हो इसके लिए प्रशासन ने इस खाली पड़ी भूमि पर बॉयोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने की योजना तैयार की है। वन विभाग के अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि योजना का प्रस्ताव तैयार होने के बाद शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि अक्सर ग्राम समाज की भूमि को जब भी कब्जा मुक्त कराया जाता है, तो कुछ सालों बाद वही लोग फिर जमीन पर काबिज हो जाते हैं। ऐसे में इन जमीनों में पर्यावरण के हित में वन क्षेत्र विकसित करने का फैसला किया गया है। अभी मुरादाबाद में पर्यटन का कोई बड़ा केंद्र नहीं है, ऐसे में बॉयोडायवर्सिटी पार्क विकसित होने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय शोधार्थियों का भी जनपद में आवागमन होने के रास्ते खुलेंगे।

सम्भल और बिजनौर में पार्क विकसित करने की थी योजना

साल 2019 में राज्य सरकार ने 26 जिलों में बॉयोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने की योजना तैयार की थी लेकिन, योजना में मुरादाबाद का नाम नहीं था। शासन ने योजना में सम्भल और बिजनौर जिले को जमीन की उपलब्धता देखे शामिल किया था लेकिन अब तक वहां पार्क विकसित नहीं हो पाए हैं।

ऐसे तैयार होता है बायोडायवर्सिटी पार्क

बायोडायवर्सिटी पार्क में ऐसी प्रजाति के पौधे लगाए जाते लुप्तप्राय होते हैं। हिमालय की तराई के अलावा विदेशी प्रजाति के पौधे इन पार्कों में लगाए जाते हैं। पौधों को लगाने एक तरीका अपनाया जाता है, जिसमें एक सीध में 50 वृक्षों के पौधे, 20 झाड़ी, 10 लताएं, 10 विदेशी वृक्ष, 10 बांस और 10 ताड़ प्रजाति के पौधे लगाए जाते हैं। पौधों की लाइन में मिट्टी का कच्चा मार्ग बनाया जाता है, ताकि आवागमन में कोई परेशानी न हो। बायोडायवर्सिटी पार्क में जलस्रोत को झरने की तरह विकसित किया जाता है, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव हो सके। पार्क के अंदर निवास करने वाले पक्षियों के साथ ही जीव व जंतुओं के बारे में साइन बोर्ड के माध्यम से जानकारी दी जाती है। शोध और अध्ययन के लिए बॉयोडायवर्सिटी पार्क बेहतर माध्यम होते हैं।

कांठ तहसील में अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है। वन विभाग ने उसी जमीन पर अभी पौधारोपण भी किया है। लेकिन इसे पार्क के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस पर काम किया जा रहा है।

राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी 


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