मुरादाबाद के कुत्तों से रहिए सावधान, सीएचसी-पीएचसी में नहीं हैं एंटी रेबीज इंजेक्शन
Terror of dogs in Moradabad जिला अस्पताल में फुल जबकि सीएचसी-पीएचसी से एंटी रेबीज गायब हैं। 1000 एंटी रेबीज बायल का है सभी सीएचसी-पीएचसी पर खर्च। नौ माह में लखनऊ से भेजी गई सिर्फ 2430 एंटी रेबीज बॉयल।
By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 09:45 AM (IST)
मुरादाबाद, जेएनएन। Terror of dogs in Moradabad। मौसम में ठंडक बढ़ने से लावारिस कुत्तों का आंतक बढ़ रहा है। कोरोना को छोड़कर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं धड़ाम होती नजर आ रहींं हैं। नौ माह में सिफ्र 2430 एंटी रेबीज बॉयल लखनऊ से मिली हैं। खासतौर पर गांव देहात के कुत्ते पांच साल के बच्चों पर हमला कर रहे हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रेबीज डोज नहीं लगाई जा रही है।
सीएचसी और पीएचसी पर हर माह एक हजार बायॅल का खर्च आता है। एक बायल में चार मरीजों को डोज लगाई जाती है। अप्रैल, मई, सितंबर, अक्टूबर, दिसंबर में ही एंटी रेबीज डोज दी गई। जून, जुलाई अगस्त, नवंबर माह में एक डोज भी सीएमएसडी स्टोर को प्राप्त नहीं हुई। दो दिन पूर्व बिलारी सामुदायिक केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों से मरीज का झगड़ा भी हो गया था। इसके बाद भी सीएचसी-पीएचसी पर एंटी रेबीज डोज की अनदेखी की जा रही है।
इस माह मिली स्टोर को इतनी बॉयल
13 अप्रैल, 640,
15 मई, 820,
19 सितंबर, 320,
27 अक्टूबर, 500,
14 दिसंबर, 150,
जिला अस्पताल में 3000 बाॅयल उपलब्ध
डिलारी स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रेबीज डोज के लिए मना कर दिया गया। दो दिन बाद मुझे जिला अस्पताल आना पड़ा है। काफी मरीज वहां से वापस किए जा रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है।
अखलाख, तुमड़िया डिलारी
पाकबड़ा स्वास्थ्य केंद्र में कोई कर्मचारी बैठा नहीं मिला। मेरी पोती को कुत्ते ने काट लिया था। एक-डेढ़ घंटा इंतजार करने के बाद जिला अस्पताल आ गई हूं। यहां इंजेक्शन लगाया जा रहा है।
आभा शर्मा, पाकबड़ा
लावारिस कुत्ते गलियों में टहल रहे हैं। मेरा बेटा घर से बाहर निकला तो उसकी टांग पर कुत्ते ने दांत मार दिए। टांग से खून निकल रहा था। सरकारी अस्पताल में सुबह 10 बजे आ गया था।
मोहसिन, खुशहालपुर
एंटी रेबीज डोज लखनऊ से कम मात्रा में मिल रही है। इस वजह से सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिक्कत हो रही है। हालांकि जिला अस्पताल में कोई कमी नहीं है। लखनऊ पत्र लिखा गया है। बायल मिलने के बाद ये दिक्कत भी खत्म हो जाएगी।
डॉ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
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