सावधान, एक्सपायरी सिलिंडर बन सकता है बम, जानिए कैसे बचा सकते हैं आप जिंदगी Moradabad News
हॉकर रसोई गैस सिलिंडर लेकर घर पहुंचता है तो सामान्य उपभोक्ता सिलिंडर का वजन व वाशर की जांच करता है। अधिकांश उपभोक्ताओं को एक्सपायर सिलिंडर की जानकारी नहीं होती है प्रत्येक सिलिंडर
मुरादाबाद, जेएनएन। आपके घर एक्सपायरी गैस सिलिंडर तो पहुंचा है तो जांच लें। यह बम बन सकता है। सिलिंडर की जांच कर लें। वजह महीने में तीन से चार एक्सपायरी सिलिंडर एजेंसी के गोदाम तक पहुंच जाता है। इसके लिए एजेंसी के गोदाम पर निगरानी बढ़ा दिया है। हॉकर रसोई गैस सिलिंडर लेकर घर पहुंचता है तो सामान्य उपभोक्ता सिलिंडर का वजन व वाशर की जांच करता है। अधिकांश उपभोक्ताओं को एक्सपायर सिलिंडर की जानकारी नहीं होती है, प्रत्येक सिलिंडर पर लगी तीन पïट्टी में एक्सपायरी का तारीख कोड में अंकित होता है, इसे उपभोक्ता समझ नहीं पाता है।
ऐसे पहचाने एक्सपायरी सिलिंडर का कोड
सिलिंडर के पïट्टी पर ए-2020 लिखा होता है। इसका मतलब होता है कि जनवरी से मार्च 2020 तक सिलिंडर एक्सपायर हो जाएगा। कंपनी को तीन माह के अंदर सिलिंडर की जांच करानी है। जांच के बाद सिलेंडर की पांच साल की उम्र बढ़ाई जा सकती है और बढऩे की उम्र का कोड दूसरी पïट्टी पर लिखना पड़ता है।
15 साल होती है एक सिलिंडर की उम्र
निर्माण के बाद गैस सिलिंडर की अधिकतम उम्र 15 साल होती है। दस साल के बाद सिलिंडर की जांच करानी होती है और सिलिंडर की स्थिति ठीक होने पर अधिकतम पांच साल उम्र बढ़ायी जाती है।
प्लांट से पहुंच रहे एक्सपायरी सिलिंडर
प्रत्येक माह तीन से चार सिलिंडर एजेंसी के गोदाम पर पहुंच जाते हैं। गोदाम में चेकिंग करने के बाद ऐसे सिलिंडर को वापस कंपनी को भेज दिया जाता है। तेल कंपनियों के गैस भरने वाले प्लांट में तैनात कर्मचारी को एक्सपायरी सिलिंडर में गैस नहीं भरना चाहिए।
ये बोले पूर्ति अधिकारी
कभी-कभी एक्सपायरी सिलिंडर कंपनी से आने की सूचना मिलती है। गोदाम से ही एक्सपायरी सिलिंडर को वापस कर दिया जाता है। एक्सपायरी सिलिंडर की जांच के लिए गोदाम में निगरानी बढ़ा दिया है।
संजीव कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी
ये हैं सिलिंडर के एक्सपायरी कोड
- ए - जनवरी, फरवरी मार्च
- बी - अप्रैल, मई, जून
- सी - जुलाई, अगस्त, सितंबर
- डी - अक्टूबर नवंबर दिसंबर
सुरक्षा के ये करें उपाय
- आइएसआइ या बीआइएस मार्क का चूल्हे का प्रयोग करे
- कंपनी द्वारा दिए जाने वाले रेग्यूलेटर का प्रयोग करने
- रबर ट्यूब कंपनी से खरीदे
- पांच साल में रबर ट्यूब को बदले
- दो साल में चूल्हे की जांच कराए
- सिलिंडर लेने से पहले जांच करा ले
- गैस की गंध आने पर माचिस नहीं जलाए और बिजली के स्वीच को आन नहीं करे
- खाना बनाने का काम खत्म होने पर रेग्यूलेंटर का स्विच आफ कर दे
- सिलिंडर को चूल्हे से नीचे रखे
- रसोई गैस में फ्रिज, मिïट्टी का तेल या पेट्रोल नहीं रखे
यहां करें काल
- अग्निशमन विभाग :- 101
- टोल फ्री नंबर - 18002333555
- गैस एजेंसी के नंबर पर
- पुलिस कंट्रोल रूम:- 100
गैस लीक होने पर यहां फोन करें
- टोल फ्री नंबर - 1906
नियम पालन पर मिलेगा 50 लाख का मुआवजा
रसोई गैस का प्रयोग नियम का पालन कर करते हैं तो दुर्घटना होने पर कंपनी 10 से 50 लाख रुपये की मुआवजा देती है। नियम का पालन नहीं करने पर कंपनी कोई मुआवजा राशि नहीं देती है।