बैंक उपभोक्ता दें ध्यान, एक अप्रैल से बदल जाएंगे कई बैंकों के पासबुक और आइएफएससी कोड, करना होगा ये काम
बैंकों ने अपने ग्राहकों को मर्जीकरण का संदेश भेजना शुरू कर दिया है। जिससे बैंक व ग्राहक दोनों को असुविधा न हो। पूर्व नाम सिंडिकेट के उपभोक्ताओं को तीस जून तक पासबुक चेक बुक व आइएफएससी कोड बदलने का समय दिया गया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। अगर आप बैंक उपभोक्ता हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत खास है। वित्तीय वर्ष के समापन के साथ एक अप्रैल से कई बैंकों के पासबुक आदि बदल जाएंगे। दरअसल एक अप्रैल से जिन बैंकों का मर्जीकरण हुआ है, उनकी पासबुक, चेक ही नहीं आइएफएससी कोर्ड, एमआइसीआर कोड, बैंक के नाम मेंं बदलाव हो जाएगा। आठ राष्ट्रीयकृत बैंकों का मर्जीकरण दूसरी बैंकों में हुआ है। एक अप्रैल से ये आठ बैंक अपनी पूर्व नाम की बजाय मर्ज हुए बैंक की पहचान के साथ जाने जाएंगे।
बैंकों ने अपने ग्राहकों को मर्जीकरण का संदेश भेजना शुरू कर दिया है। जिससे बैंक व ग्राहक दोनों को असुविधा न हो। पूर्व नाम सिंडिकेट के उपभोक्ताओं को तीस जून तक पासबुक, चेक बुक व आइएफएससी कोड बदलने का समय दिया गया है लेकिन, अधिकांश बैंक ने 30 मार्च तक का ही समय दिया था। जो आज शाम तक खत्म हो जाएगा। बैंक मर्ज होने के बाद अब ग्राहकों को अपनी पुरानी बैंक का नाम मर्ज हुए बैंक के नाम से पहचानना होगा। बैंकों के मर्जीकरण को लेकर साफ्टवेयर पहले ही चेंज हो चुके हैं।
ये बैंक हो चुके हैं मर्ज
बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा में विजय बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कारर्पोरेशन बैंक, यूनियन बैंक में आंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक में ओबीसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक।
बैंक मर्ज होने से उपभोक्ताओं को कोई परेशानी नहीं होगी। सिर्फ उनके चेक, पासबुक और आइएफएससी कोड ही मर्ज हुए बैंक के नाम से होंगे। सिंडिकेट समेत कई बैंकों के ग्राहकों को अपना चेक, पासबुक व आइएफएससी कोड बदलवाना होगा।
अतुल बंसल, लीड बैंक, मैनेजर