अमरोहा में पन्नी के नीचे रहने को मजबूर बलवीर का परिवार, जनिए क्यों Amroha news
दो साल से बलवीर गांव के बाहर पिन्नी डालकर परिवार सहित गुजर-बसर कर रहा है।सरकारी योजनाओं का उसे लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मुरादाबाद । तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है...मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी हैं। जनपद अमरोहा के विकास खंड गंगेश्वरी की ग्राम पंचायत तिगरिया नादिरशाह में बलवीर सिंंंह अपने परिवार पर यह लाइन सटीक बैठ रही हैं। इस परिवार को मुफलिसी ने पूरी तरह तोड़ दिया। लेकिन, उम्मीद थी कि सरकारी सिस्टम से परिवार चल जाएगा। लेकिन, उसने भी साथ छोड़ दिया।
यह है पूरा मामला
गांव निवासी बलवीर के परिवार में उसके अलावा पत्नी व चार बेटे हैं। दो साल से बलवीर गांव के बाहर पिन्नी डालकर परिवार सहित गुजर-बसर कर रहा है। इससे पूर्व वह गांव में बने अपने पुश्तैनी मकान में रहता था। लेकिन, मकान की हालत अब ज्यादा खराब हो गई है। जर्जर भवन में अनहोनी की आशंका से परेशान बलवीर पिन्नी डालकर गांव के बाहर रहना लगा। पेशे से दिहाड़ी मजदूर बलवीर ङ्क्षसह का कहना है कि उन्हें दो साल से मनरेगा में कोई काम नहीं मिला है। जिसके चलते परिवार के लिए दो जून की रोटी का प्रबंध करना भारी पड़ रहा है। इस परिवार को किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है।
दो साल से नहीं मिला काम
बलवीर और उसके बड़े बेटे का मनरेगा में जॉब कार्ड भी बना हुआ है। फिर भी पिछले दो वर्षों से काम नहीं मिला है। राशन कार्ड की सूची में चार माह पूर्व नाम कट गया था। काफी प्रयास के बावजूद भी अभी तक सूची में नाम नहीं जुड़ा है। जिस कारण इस परिवार को राशन डीलर द्वारा राशन भी नहीं दिया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के कार्ड से भी यह परिवार वंचित है। खंड विकास अधिकारी गंगेश्वरी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि तिगरिया नादिर शाह निवासी बलवीर ङ्क्षसह के परिवार को दो वर्ष से मनरेगा में काम न मिलने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो उन्हें काम दिलाया जाएगा।