आजम खां के प्रभाव वाली यूपी की इस सीट पर कभी नहीं खिला कमल, पढ़ें भाजपा के सामने क्या होती हैं चुनौती
UP Election 2022 यूपी की एक सीट ऐसी है जहां पर भाजपा अपना वर्चस्व आज तक नहीं दिखा सकी है। ये सीट है आजम खां के शहर रामपुर की। इस बार यहां कमल खिलाने के लिए भाजपा ने आकश सक्सेना पर दांव खेला है।
रामपुर, (मुस्लेमीन)। UP Chunav 2022 : नवाबों के शहर रामपुर में भाजपा का कमल कभी नहीं खिल सका। हालांकि भाजपा प्रत्याशी दो बार मुकाबले में रहे, लेकिन जीत नहीं सके। इस बार फिर भाजपा पूरे दमखम से इस सीट पर चुनाव लड़ रही है। रामपुर शहर में मुस्लिम आबादी ज्यादा है, इसलिए विधायक भी मुस्लिम ही बनते रहे हैं। पहले कांग्रेस जीतती रही और फिर आजम खां इस सीट पर काबिज हो गए। वह किसी भी पार्टी में रहे, लेकिन चुनाव जीतते रहे।
पहली बार 1980 में शहर से विधायक बने। इसके बाद 1985, 89, 91 और 93 में विधायक चुने गए। लगातार पांच बार विधायक बनने के बाद 1996 में वह चुनाव हार गए। तब वह राज्यसभा सदस्य बन गए। इसके बाद 2002 में हुए चुनाव में वह फिर जीत गए। 2007, 12, और 2017 के चुनाव में वह जीतते रहे। 2017 में भाजपा के पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना उनके मुकाबले में रहे। इस बार शिव बहादुर के बजाय उनके बेटे आकाश सक्सेना मैदान में हैं।
अब्दुल्ला की रिहाई पर सपाइयों ने शिव मंदिर में किया जलाभिषेक : सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की रिहाई के अवसर पर सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने रठौंडा स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने सांसद आजम खां की शीघ्र रिहाई की भी मन्नत मांगी। इसके साथ ही उनके स्वस्थ और सुखद जीवन के लिए भी भोलेनाथ से प्रार्थना की। इस मौके पर उनके साथ सुरेश कुमार वाल्मीकि, अजय सिंघल, सुनील रुहेला, राजपाल यादव आदि मौजूद रहे।
अविनाश बने अध्यक्ष और दिनेश संरक्षक : भारतीय आंबेडकर बहुजन सभा की रविवार को आंबेडकर पार्क में बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से अविनाश तपन को अध्यक्ष और दिनेश मानव को संरक्षक बनाया गया। इस अवसर पर नवनियुक्त अध्यक्ष अविनाश तपन ने कहा कि बाबा साहब डा.भीमराव आंबेडकर को भूलकर वाल्मीकि समाज गलत दिशा में चल रहा है। इससे समाज काफी पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने सभी से बाबा साहब के बताए मार्ग पर चलने का आहवान किया। इस मौके पर संजय वाल्मीकि, यशपाल वाल्मीकि, मेहरबान अली, राजेंद्र वाल्मीकि, नीरज, फैजुल, इंद्र सैनी, संजीव राठौर, कुशलेश आजाद आदि मौजूद रहे।