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आजम खां को कोर्ट से राहत, आठ मुकदमों में मिली जमानत Rampur News

जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर शासन के आदेश पर तीनों को सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 10:02 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 10:02 AM (IST)
आजम खां को कोर्ट से राहत, आठ मुकदमों में मिली जमानत  Rampur News
आजम खां को कोर्ट से राहत, आठ मुकदमों में मिली जमानत Rampur News

रामपुर, जेएनएन। सांसद आजम खां को आठ और मुकदमों में कोर्ट से राहत मिली है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आठ मुकदमों में उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। बुधवार को भी अदालत ने पांच मामलों में जमानत मंजूर की थी। गुरुवार को जिन आठ मामलों में जमानत मंजूर हुई है, उनमें एक मामला सैनिकों के अपमान से जुड़ा है। 

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यह है मामला 

भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 29 जून 2017 में यह मुकदमा कराया था, जिसमें आरोप लगाया कि आजम खां ने सैनिकों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है। अन्य मामले आचार संहिता उल्लंघन के हैं। इनमें दो मुकदमे शाहबाद कोतवाली में दर्ज हुए थे, जिसमें जिलाधिकारी के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। इसके अलावा शहजादनगर, भोट, बिलासपुर और शहर कोतवाली में भी आजम खां के खिलाफ आचार संहिता के मामले दर्ज थे, जिनमें जमानत मंजूर हुई है। इसके अलावा दो मामले गंज कोतवाली क्षेत्र के हैं। यह मामले मारपीट, गाली गलौज और धमकाने के हैं। 

पुलिस की लापरवाही सामने आई

सांसद को जिन मामलों में जमानत मिली है, उसमें अदालत ने पुलिस से आख्या मांगी थी। अदालत द्वारा बार-बार समय दिए जाने के बावजूद पुलिस ने आख्या नहीं भेजी। पुलिस की इसी ढिलाई का लाभ सांसद को मिला। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार ङ्क्षसह सैनी ने इस संबंध में एसपी को प्रार्थना पत्र भी भेजा है, जिसमें कहा है कि अदालत ने सांसद के जमानत प्रार्थना पत्रों पर पुलिस से मुकदमों के संबंध में आख्या तलब की थी लेकिन, पुलिस ने आख्या नहीं भेजी। इस पर अदालत ने बिना पुलिस आख्या के जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर दिया।

आधी रात में पहुंचा आजम खां को सीतापुर जेल शिफ्ट करने का फरमान

धोखाधड़ी के मामले में जेल गए सपा सांसद आजम खां, उनकी पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम को सीतापुर जेल में शिफ्ट करने का फरमान आधी रात में यहां पहुंचा। जेल प्रशासन ने तुरंत आदेश पर अमल शुरू करते हुए कागजी प्रक्रिया पूरी की और सुबह साढ़े चार बजे तीनों को यहां से सीतापुर के लिए रवाना कर दिया। इसके लिए जेल अफसरों को पूरी रात जागना पड़ा। 

जेल में बंद सांसद, उनकी पत्नी और बेटे को भी देर रात तक नींद नहीं आई। रात तीन बजे आंख लगी लेकिन, सुबह चार बजे जेल कर्मचारियों ने उठा दिया और सीतापुर के लिए भेज दिया। सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी उनसे मिलने रामपुर आ रहे थे। उनका कार्यक्रम भी जारी हो गया था। इसकी भनक लगते ही शासन व प्रशासन ने उन्हे रामपुर से सीतापुर की जेल शिफ्ट करने का फैसला लिया। 

तजीन फाल्मा ओर अब्दुल्ला आजम पहली बार गए जेल 

आजम खां तो इमरजेंसी के दौर में भी 19 महीने जेल में रहे थे लेकिन, तजीन फात्मा और अब्दुल्ला पहली बार जेल गए। जेल अधीक्षक पीडी सलौनिया ने बताया कि तीनों को आम बंदियों की तरह ही सुविधाएं दी गईं। सांसद और उनके बेटे को बैरक नंबर एक में रखा गया, जबकि पत्नी को महिला बैरक में रखा। रात के भोजन में अरहर की दाल, रोटी और आलू-गोभी की सब्जी बनी थी। अन्य बंदियों की तरह तीनों को भी वही भोजन दिया गया। रात में सोने के लिए फर्श पर दरी बिछाई गई और ओढऩे के लिए कंबल दिया गया। रात में 12 बजे प्रमुख सचिव गृह कारागार की ओर से तीनों को सीतापुर जेल भेजने का आदेश मिला, जिस पर तुरंत ही अमल कराने की कार्यवाही शुरू कर दी। सुबह चार बजे तीनों को जगाया गया और कड़ी सुरक्षा में सीतापुर के लिए रवाना कर दिया गया।

सुबह लोग आजम खां से मिलने रामपुर जेल पहुंचे, तब पूरे शहर को पता चला कि आजम खां को परिवार समेत सीतापुर जेल भेज दिया गया है। 


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