सांसद बनकर एक रुपये का भी विकास नहीं करा पाए आजम Rampur News
दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के फर्जीवाड़े में हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की विधायकी भी रद कर दी है और तीनों तीन सप्ताह से सीतापुर जेल में हैं|
रामपुर (मुस्लमीन)। उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में नगर विकास समेत आठ विभागों के मंत्री रहे आजम खां ने अपने शहर में अरबों रुपये के विकास कार्य कराए। वही आजम खां सांसद बनने के बाद एक रुपये का भी विकास नहीं कराए पाए हैं। उनकी सांसद निधि के ढाई करोड़ रुपये भी खर्च नहीं हो सके हैं। यही हाल उनकी विधायक पत्नी डॉ. तजीन फात्मा का है। वह भी कोई पैसा खर्च नहीं कर सकी हैं। पिछले तीन सप्ताह से दोनों ही जेल में बंद हैं।
नौ बार विधायक चुने गए आजम
रामपुर शहर से आजम नौ बार विधायक चुने गए और सपा सरकार में चार बार कई-कई विभागों के मंत्री रहे। राज्यसभा सदस्य और प्रदेश के नेता विरोधी दल भी बने। पिछले साल पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और सांसद बन गए। सांसद बनने के बाद से वह कुछ भी विकास नहीं करा पाए हैं। उनकी सांसद निधि की पहली किस्त में ढाई करोड़ रुपये पिछले साल जुलाई में आ गए थे। इसके अलावा 14.82 लाख रुपये पहले का बकाया था। कुल मिलाकर दो करोड़ 64 लाख 82 हजार रुपये उनकी निधि में हैं। इस धनराशि से उनके प्रस्ताव पर ही विकास कार्य होंगे लेकिन, वह प्रस्ताव नहीं दे पा रहे हैं। इसके लिए उन्हें सबसे पहले जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक ने पत्र लिखा। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने। फिर भी कोई प्रस्ताव नहीं मिला तो जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने भी पत्र लिखा है। डीएम का कहना है कि उन्हें समय से प्रस्ताव देने चाहिए थे। अगर वह प्रस्ताव दे देते तो पहली किस्त खर्च हो चुकी होती और दूसरी किस्त भी आ जाती।
पत्नी भी नहीं करा पाईं विकास
आजम ने सांसद चुने जाने पर रामपुर शहर की विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इस सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा सपा प्रत्याशी बनीं और जीत गईं। अक्टूबर 2019 में उनकी विधायक निधि में पहली किस्त के एक करोड़ रुपये आए लेकिन, वह भी कोई प्रस्ताव नहीं दे सकीं। उन्हें भी प्रस्ताव के लिए परियोजना निदेशक ने पत्र लिखा है।
कानूनी शिकंजे में आजम
सांसद आजम कानूनी शिकंजे में बुरी तरह फंस गए हैं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जमीने कब्जाने, मकान तोडऩे, हत्या के प्रयास, किताब चोरी, बकरी चोरी, भैंस चोरी, गाय चोरी आदि के 87 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। 70 मुकदमे तो थानों और अदालतों में विचाराधीन हैं। उनकी पत्नी पर तीन और बेटे अब्दुल्ला पर दस मुकदमे हैं।