Ayushman Yojna : गोल्डन कार्ड जारी करने में लापरवाही पर 23 जनसेवा केंद्र के लाइसेंस निरस्त
Ayushman Yojna जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पात्रों को गोल्डन कार्ड जारी होने के लिए आयोजित कैंप की जानकारी दी जाए और उन्हें प्रेरित करके कैंप पर लाएं। डीएम ने लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Ayushman Yojna : गरीबों को मुफ्त इलाज के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड जारी किए जा रहे हैं। गोल्डन कार्ड जन सेवा केंद्राें के माध्यम से भी जारी किए जा रहे हैं। यह सुविधा निश्शुल्क होने के चलते केंद्र संचालक गोल्डन कार्ड बनाने में रूचि नहीं ले रहे। इसे गंभीरता से लेते हुए रामपुर जिले के 23 जनसेवा केंद्र संचालकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड जारी करने में जन सेवा केंद्र संचालकों द्वारा लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में 12 हजार गोल्डन कार्ड जारी कराने का लक्ष्य दिया गया था। जनसेवा केंद्र के जिला प्रबंधक इकराम वारिश ने बताया कि गोल्डन कार्ड जारी करने में लापरवाही बरतने और कैंप में उपस्थित न होने के कारण पिछले दो माह के दौरान 23 जन सेवा केंद्र संचालकों के लाइसेंस समाप्त कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने लापरवाह केंद्र संचालकों के लाइसेंस समाप्त करने के साथ ही अन्य सक्रिय लोगों को संचालन की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पात्रों को गोल्डन कार्ड जारी होने के लिए आयोजित कैंप की जानकारी दी जाए और उन्हें प्रेरित करके कैंप पर लाएं। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाए। इस कार्य में यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लापरवाही बरतती हैं तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। आयुष्मान योजना के तहत चिन्हित लाभार्थियों के साथ साथ अंत्योदय कार्ड धारकों को भी आयुष्मान योजना का लाभ प्रदान करने का सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि वह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करके अंत्योदय कार्ड धारकों को गोल्डन कार्ड जारी करने में सहयोग प्रदान करें। 102 और 108 एंबुलेंस में जीवन रक्षक संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि 108 एंबुलेंस के माध्यम से अधिकतर ऐसे मरीजों को सेवाएं प्रदान की जाती है जो सड़क दुर्घटना या अन्य प्रकार की घटनाओं से प्रभावित होते हैं, इसलिए इन एंबुलेंस में खून के बहाव को रोकने के लिए जरूरी दवाओं और इंजेक्शन की उपलब्धता बनी रहे।