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Ayodhya Structure Demolition Case : सीबीआइ की जांच पर सपा नेताओं ने उठाए सवाल, कहा-मजबूत साक्ष्‍य पेश ही नहीं क‍िए गए

Ayodhya Structure Demolition Case ढांचा विध्वंस केस में सीबीआइ की विशेष अदालत ने सुनाया है फैसला। सपा नेता बोले अदालत के सामने नहीं रखे गए मजबूत सुबूत। सीबीआइ ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरती है। तभी सभी आरोपित बरी हो गए।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 09:23 AM (IST)
Ayodhya Structure Demolition Case : सीबीआइ की जांच पर सपा नेताओं ने उठाए सवाल, कहा-मजबूत साक्ष्‍य पेश ही नहीं क‍िए गए
सीबीआइ की जांच पर सपा नेताओं ने उठाए सवाल।

मुरादाबाद।  Ayodhya Structure Demolition Case। लखनऊ स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने ढांचा विध्वंस केस में सभी आरोपितों को बरी कर दिया है। इस मामले को लेकर शहर में दिनभर चर्चा रही। फैसला आने से पूर्व पुलिस और प्रशासन के अधिकारी किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए मुस्तैद थे। लेकिन इस फैसले को लेकर कहीं पर भी कोई विरोध नहीं दर्ज कराया गया। इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद और विधायकों ने एक सुर में सीबीआइ जांच को लेकर सवाल खड़े किए हैं। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अगर सीबीआइ मजबूत सुबूत कोर्ट में पेश करती तो आज कोर्ट फैसला कुछ और ही होता।

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बोले जनप्रतिनिधि

सुप्रीम कोर्ट ने जिस घटना को अपराध माना है, उसके आरोपित भी होंगे। लेकिन सीबीआइ ने इस मामले की जांच सही ढंग से नहीं की है। अगर सुबूत मजबूत रखे जाते तो फैसला कुछ और होता।

डॉ..एसटी हसन,सांसद

सीबीआइ सरकार का तोता है। जो केंद्र सरकार के निर्देश होते हैं, वही करती है। शायद इसी के चलते कोर्ट में ठीक से इस मामले की जांच नहीं की है।

हाजी रिजवान, विधायक कुंदरकी

फैसला आ चुका है, लेकिन फैसले से ज्यादा जांच का पहलू अहम था। सीबीआइ ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरती है। तभी सभी आरोपित बरी हो गए हैं।

हाजी इकराम कुरैशी, विधायक, देहात

केस तभी मजबूत होता है,जब कोर्ट में सुबूत मजबूत पेश किए जाते हैं। इस केस में सीबीआइ ने सही सुबूत ही नहीं पेश किए। जांच में लापरवाही बरती गई है।

नवाब जान, विधायक, ठाकुरद्वारा


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