मुरादाबाद में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला, पथराव कर लोगों ने किया हमला, हंगामे के बीच टीम ने तोड़े अवैध निर्माण
Attack on administrative team in Moradabad रामगंगा नदी से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हो गया है। पहले दिन चक्कर की मिलक में अतिक्रमण हटाने गई जिला प्रशासन नगर निगम सिंचाई विभाग और पुलिस की टीम पर पथराव किया गया और अफसरों का घेराव करके अभद्रता की गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। Attack on administrative team in Moradabad : रामगंगा नदी से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हो गया है। पहले दिन चक्कर की मिलक में अतिक्रमण हटाने गई जिला प्रशासन, नगर निगम, सिंचाई विभाग और पुलिस की टीम पर पथराव किया गया और अफसरों का घेराव करके अभद्रता की गई। जेसीबी पर पत्थर बरसाए गए। विरोध कर रही महिला पुरुषों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारीं। पीएसी भी लगानी पड़ी।
रामगंगा नदी में आवास, चहारदीवारी, पीतल की भट्टियां बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया। एक महिला ने अपने बच्चे को छत से फेंकने का प्रयास किया। जिसे पुलिस ने उतारा। जबरन जेसीबी के आगे आने पर धक्का-मुक्की में दो लोग चोटिल भी हुए हैं। मंडलायुक्त आन्जेन्य कुमार सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट एमपी सिंह, अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह के संयुक्त नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। मंडलायुक्त आन्जेन्य कुमार सिंह, जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, नगर आयुक्त संजय चौहान व सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ पिछले महीने रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी), सुप्रीम कोर्ट की ओर से नदियों के किनारे से अतिक्रमण हटाने के आदेश भी है। इसी के तहत अतिक्रमण हटाने के लिए मंडलायुक्त ने संयुक्त टीम का गठन किया था। दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक चार घंटे अतिक्रमण अभियान चलाया गया। जिसमें अतिक्रमण को आवास, चहारदीवारी और पीतल की भट्टियों को जमीदोज किया गया। चक्कर की मिलक में रामगंगा के डूब क्षेत्र में करीब 7,040 वर्ग मीटर जमीन को कब्जा मुक्त कराई गई। करीब 40 चिह्नित अतिक्रमण को हटाया गया। कब्जा मुक्त कराई गई जमीन की कीमत सात करोड़ 70 लाख रुपये कीमत बताई जा रही है। तीन जेसीबी अतिक्रमण हटाने में लगाई गईं। इस दौरान सिंचाई विभाग से अधिशासी अभियंता एपी सिंह मौजूद रहे।
सिंचाई विभाग ने चिह्नित किया था अतिक्रमणः रामगंगा किनारे की जमीन सिंचाई विभाग की है। मंडलायुक्त ने सिंचाई विभाग से अतिक्रमण को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत सिंचाई विभाग ने अतिक्रमण को चिह्नित करके रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपी थी। इसके बाद टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया। छह साल पहले भी बरबलान में अतिक्रमण हटाया गया था। लेकिन, तब लोगों ने विरोध किया था और नगर आयुक्त के आवास में घुसकर तोड़फोड़ की थी। राजनीतिक दबाव के कारण पूर्व सरकार में यह अभियान एक दिन चलने के बाद रोक दिया गया था।
तटबंध की बजाए चक्कर की मिलक से बरबलान तक बन गए अवैध आवास : रामगंगा किनारे तटबंध बनना प्रस्तावित है। स्मार्ट सिटी योजना में भी रामगंगा किनारे स्मार्ट पार्क बनना है। लेकिन, अभी तक न तो बाढ़ से बचने को तटबंध बना और न ही स्मार्ट पार्क। जिला प्रशासन की लापरवाही का फायदा अवैध कब्जा करने वालों ने उठाया है। जिससे चक्कर की मिलक से बरबलान तक करीब चार किमी क्षेत्र में अतिक्रमण हो गया। पीतल की भट्टियां रामगंगा किनारे बनी हुई हैं, जिसका केमिकल रामगंगा को प्रदूषित कर रहा है। रामगंगा नदी में जलीय जीवों की संख्या भी घटी है।
इनमें पक्के आवास बन गए। किसी ने टीन शेड डाल लिए और आवास बनाकर रहने लगे हैं। इनमें तमाम लोगों के आवास पुरानी आबादी में भी हैं, जिन्होंने डूब क्षेत्र में कब्जा करके दूसरे आवास बना लिए। यही नहीं दंबगों ने रामगंगा के डूब क्षेत्र में प्लाटिंग करके बेच डाले। तब से प्रशासन सोता रहा और रामगंगा नदी के डूब क्षेत्र में कब्जा होता रहा। चक्कर की मिलक ही नहीं जिगर कालोनी, नवाबपुरा, दसवां घाट, लालबाग, कानून गोयान व बरबलान क्षेत्र में अवैध निर्माण हो चुका है। तटबंध के लिए तमाम संगठन आवाज उठा चुके हैं। गुरुवार को बरबलान क्षेत्र में अतिक्रमण अभियान चलाया जाएगा।